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आज के युग में खराब लाइफस्टाइल के कारण कई सारी बीमारियों की चपेट में आ जाते है युवा। आज हम आपको एक ऐसी ही बीमारी के बारे में बताने जा रहें है। जिसके कारण कई सारे और रोगों का सामना करना पड़ता है, जिसे ‘थायराइड’ कहते है।
यह रोग का अगर उपचार ना किया जाए तो काफी भयानक रूप ले सकता है। ‘थायराइड’ हमारे शरीर में पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से एक है। थायरायड ग्रंथि गर्दन मे श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र के दोनों ओर दो भागों में बनी होती है। देखा जाए तो थाइराइड एक गंभीर समस्या है लेकिन अगर ठीक तरह से ट्रिटमेंट लिया जाएं तो आप इस समस्या से आसानी से छुटकारा पा सकते है।
जानिए क्या है थायराइड के लक्षण-
आज के समय में अधिक मात्रा में लोग थायराइड के शिकार हो रहे हैं। इसके लिए आप जरुर इसका टेस्ट कराएं। अगर टेस्ट में इसके निकले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके साथ ही अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखें। यह दो प्रकार के होते है, या फिर ये शरीर को दुबला-पतला बना देते है, या तो आपके शरीर का वजन दोगुना कर देते है। एक और भी लक्षण है जो की आपके दिमाग की नश से जुड़ा होता है।
जान लीजिए कुछ ऐसे आहार के बारें में जिसका सेवन कर आप कई हद तक इस रोग से निजात पा सकते है –
थायराइड का मुख्य कारण शरीर से में सबसे ज्यादा आयोडीन, सेलेनियम और जिंक। इसलिए हमें ऐसी चीजों का सेवन अधिक करना चाहिए। जिनमें ये तत्व अधिक मात्रा में पाएं जाते है।
1) दही – थाइराइड के रोगियों के लिए दही सबसे बेहतर आहार माना जाता है। दही खाने से शरीर में इम्यूनिटी लेवल बढ़ता है। जिससे थाइरॉयड कंट्रोल में रहता है और काफी हद तक इससे निजाद मिलता है। आपको बतादें की दही के सेवन से काफी और भी फायदे होते है, इसके सेवन से आपके बालों तथा त्वचा में भी निखार।
2) मशरूम- आपको बतादें थाइराइड के मरीजों के लिए मशरूम अच्छे आहारों में से एक है। इसमें सेलेनियम की मात्रा अधिक होती है, जो थाइरॉयड को कंट्रोल करने का काम करता है। इसलिए इसका सेवन जरुर करें।
3) ड्राई फ्रूट्स – नट्स में आप अधिक मात्रा में अखरोट और बादाम का सेवन करें। यह आयोडीन का बहुत ही अच्छा स्त्रोत होता है। जो कि आपको आवश्यक पोषक तत्व तो देता ही है। इसके साथ ही थायराइड ग्रंथि को हेल्दी रखने में मदद करता है।
4) अलसी का बीज- कई लोग इसके बारे में नहीं जानते होंगे थायराइड के लिए अलसी का बीज काल के समान है। इसमें भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। जो कि इस बीमारी को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसलिए इस बीमारी के मरीज अलसी और अलसी के तेल का यूज करें।