वर्ष 2020 में जब कोरोना की पहली लहराई तो सबसे ज्यादा नुकसान विद्यार्थियों का हुआ जिसको देखते हुए सरकार ने ऑनलाइन क्लास कराने का निर्णय लिया। ताकि कुछ हद तक विद्यार्थियों के जीवन में होने वाले नुकसान की भरपाई की जा सके। लेकिन तब क्या किया जाए जब ऑनलाइन क्लास में भी बच्चों को सही शिक्षा ना मिल पा रही हो।
बीएचयू के भूगोल विभाग से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां कि भूगोल के शिक्षक पर ऑनलाइन क्लास के द्वारा गलत भारत का नक्शा दिखाने का आरोप लगाया गया है। बीएचयू के सभी छात्र-छात्राओं ने सिंहद्वार के समक्ष नारेबाजी की। उन्होंने आरोपित शिक्षिका के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।
छात्रों का आरोप है कि ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान देश का जो नक्शा दिखाया गया, उसमें कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश नहीं दिख रहा था। इसपर उन्होंने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन कक्षा के बाद जब कुछ छात्रों ने शिक्षिका से मिलकर आपत्ति दर्ज कराई तो उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया।
जिसके बाद नाराज छात्रों ने विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर आरएस सिंह से शिकायत की उनसे भी संतोषजनक उत्तर प्राप्त ना होने पर छात्रों ने धरना देना शुरू किया।
छात्रों का कहना है कि गुरुवार को बीए अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को वीट प्रोडक्शन पढ़ाने के दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर सीमा रानी ने भारत का जो मानचित्र दिखाया उसमें कश्मीर एवं अरुणांचल प्रदेश नहीं था।
जिसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की बीएचयू इकाई ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए अनुशासनात्मक एवं कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। छात्रों द्वारा डरने की बात सुनकर सिंहद्वार पहुंचे विश्वविद्यालय के प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों को छात्रों ने ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने के बाद दोनों संपर्क द्वार तो खोल दिए गए, लेकिन मुख्य द्वार बंद करके धरना जारी रहा। धरना देने वालों में अधोक्षज पांडेय, साक्षी सिंह, सोहन राय, सुयज्ञ, त्रिशला पाठक, विपुल सिंह एवं सुबोधकांत प्रमुख रहे।
इस मसले पर बीएचयू के चीफ प्राक्टर ने अपनी राय रखते हुए कहा कि, ‘राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है। इसके साथ छेड़छाड़ स्वीकार नहीं है। भूगोल विभाग में हुए घटनाक्रम को विश्वविद्यालय प्रशासन ने संज्ञान में लिया है। मामले में नियमानुसार कार्रवाई होगी। प्रोफेसर आनंद चौधरी।’