अब व्यस्को की बात बच्चों को भी वैक्सीन देने की शुरुआत की जा सकती है इसके लिए एक अमेरिकी कंपनी ने ट्रायल की इजाजत मांगी, इसी के साथ यह भी कहा जा रहा है कि बच्चों को अलग तरीके से दी जाएगी वैक्सीन जानने के लिए आगे पढ़े!
बुजुर्गों और युवाओं के वैक्सीनेशन के बाद जल्द ही भारत में 18 से कम उम्र के बच्चों का भी व्यक्ति नेशन शुरू किया जाएगा इसकी उम्मीद तक जगी जब फार्मा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में वैक्सीन के ट्रायल के लिए भारत सरकार से अनुमति मांगी। यह ट्रायल 12 से 17 वर्ष के बच्चों पर किया जाएगा।
इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि बच्चों के लिए विकसित की जा रही वैक्सीन के नतीजे अगले महीने तक आ सकते हैं।
सरकार के मुताबिक अगर इस ट्राइल में सब कुछ सफल रहा तो जल्द ही बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसको लेकर एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी कुछ दिन पहले बयान दिया था कि भारत बायोटेक की को-वैक्सीन के दूसरे व तीसरे चरण के परीक्षणों के नतीजे सितंबर तक सामने आ जाएंगे।
इसको लेकर पुणे नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी की निदेशक डॉ. प्रिया अब्राहम ने जानकारी दी थी कि, बच्चों को लेकर फिलहाल को वैक्सीन का परीक्षण चल रहा है। इस बात की पूरी उम्मीद है कि सिंतबर अंत या अक्तूबर की शुरुआत में बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होगी। डॉ. प्रिया का कहना था कि नाक से दी जाने वाली वैक्सीन और जेनोवा भी आने वाले हैं। जेनोवा वैक्सीन एमआरएनए पर आधारित है। इनके अलावा कोवावैक्स भी जल्द मिल सकती है। उनके अनुसार नाक से दी जाने वाली वैक्सीन एक अनोखा शोध है, जो कि दुनिया में पहली बार भारत में हुआ है और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी द्वारा इस पर कार्य किया जा रहा है।
उम्मीद है कि बच्चों के लिए आने वाली वैक्सीन के बाद टीकाकरण में काफी तेजी से वृद्धि होगी। क्योंकि यह वैक्सीन नाक से दी जाएगी इसलिए अंदाजा लगाया जा रहा है कि 1 से 2 घंटे के अंदर 200 बच्चों को वैक्सीन लगाई जा सकती है। जिससे कि वैक्सीनेटेड लोगों की सूची में काफी जल्दी इजाफा होगा।