मोहम्मद हसनैन – शिवहर जिले के समस्याओं पर युवा समाजसेवी एवं क्रांतिकारी मुकुन्द प्रकाश मिश्र का कहना है कि ‘ मरीजों को इलाज कराने के लिए अन्य जिले में जाना होता है, छात्र और छात्राओं को उच्य शिक्षा प्राप्त करने हेतु बाहर जाना मजबूरी हैं । सड़क बदहाल है रेलवे है नही लेकिन दावा विकास का किया जाता है । सब जानते हुए भी जनता अलग अलग राजनीतिक दल या नेता के जयकार लगाने मे व्यस्त है..। पता नही लोग मूर्ख हैं या धुर्त ? यह सब कम से कम जागरूक लोगों के कार्यप्रणाली पर तो जरूर प्रश्न चिन्ह लगाता है । लोग प्रधानमंत्री चुनने में व्यस्त हैं । सांसद उम्मीदवार के विषय मे जानने का किसको फुर्सत है। लोकतंत्र मे सवाल करना आवश्यक है लेकिन तथा कथित जागरूक लोग प्रणाम के मुद्रा में हैं । लोग कब जानेंगे जनता का दायित्व सवाल करना है न कि किसी का बचाव करना !!!! ऐसे दौर में जब 15 या 20 परिवार मिलकर देश चला रहें हो तथा राजनीति विशुद्ध व्यापार बन चुका हो । ऐसे मे जनता की चुप्पी अपराधीक कैसे न लगे । खैर शायद लोगों को आदत है गुलामी करने कि इतिहास से आजतक । ऐसे स्थिति में ये कोई भी बात कहना बेईमानी है । लेकिन फिर भी किसी भी क्षेत्र का विकास इस बात पर निर्भर करता है वहाँ का शिक्षा व्यवस्था स्वास्थ्य व्यवस्था तथा यातायात साधन ठीक है या नही लेकिन दुर्भाग्यवश शिवहर लोकसभा क्षेत्र तीनों महत्वपूर्ण बिंदु पर अत्यंत पिछड़ा है इसका कई कारण है संवेदनहीन सत्ता पक्ष वेबस विपक्ष साथ ही साथ जागरूक लोगों का कई खेमों में बट जाना । राजनीतिक दल हेलीकॉप्टर से उम्मीदवार क्यों उतारते है इसका जवाब जनता से ही मिल सकता है।’
क्या कभी शिवहर मे किसी भी दल के संघर्षशील और समर्पित कार्यकर्ता को टिकट मिलेगा ? कहीं पढ़ने को मिला था अच्छे लोगों के राजनीति में न आने से अयोग्य लोगों पर शासन करते हैं लेकिन सवाल उठता है क्या अच्छे लोगों का केवल राजनीति में आ जाने बस से सुधार हो जाएगा यह काफी विचारणीय प्रश्न है क्योंकि वर्तमान व्यवस्था की स्थिति काफी खराब है इसमें अच्छे लोग कब तक अच्छे रह पाएंगे यह भी एक बड़ा प्रश्न है ? अगर आपका पैसा कमाने का कोई और स्रोत नही है तो हम या आप राजनीतिक मे आकर क्या वो सब नही करेंगे जो अन्य राजनेता कर रहे हैं। हालांकि समाज के विकास के लिए सरकार और समाज का साझा प्रयास होना अतिआवश्यक है लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या हम बदलाव के लिए तैयार हैं इस प्रश्न का जवाब हमसे अगर पूछा जाए तो हमें लगता है कि क्षेत्र के लोग वर्तमान में बदलाव के लिए तैयार ही नहीं है। हम सत्ता परिवर्तन का बात नही कह रहे बात व्यवस्था परिवर्तन का है ।
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अगर लोग परिवर्तन के लिए तैयार रहते तो एक जागरूक नागरिक की भूमिका निभाते ना कि किसी भी उम्मीदवार या दल का जिंदाबाद नारा लगाते ! मताधिकार निश्चित रूप से अधिकार तथा कर्तव्य है इसका प्रयोग निश्चित रूप से होना चाहिए ।आप सब अपने मत का प्रयोग जरूर करें । वर्तमान परिस्थिति में जहां राजनीति पूर्णता व्यवसाय बन चुका है ! ज्यादातर उम्मीदवार या राजनीतक दल भी राजनीति में अपना पैसा लगाते हैं और फिर जीतने के बाद पैसा कमाते हैं ! पैसा से सत्ता और सत्ता से पैसा ! सच चाहे जो भी हो कम से कम आम मान्यता तो यही है । या यूं कहें कि सर्वविदित है ऐसे में क्या राजनीतिक दल तथा राजनीतिक दल के प्रत्याशी के साथ कोई आम आदमी कैसे खड़ा हो सकता है।
अब क्षेत्र के समस्याओं को जानते हैं दरअसल शिवहर लोकसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा समस्या जिले का रेलवे लाइन से ना जुड़ा होना है क्योंकि रेलवे लाइन से जुड़ने के बाद किसी भी क्षेत्र का तीव्र गति से विकास होता है लेकिन इस मुद्दे पर अब तक सत्ता पक्ष के द्वारा सकारात्मक पहल होता नहीं दिख रहा है वही क्षेत्र में स्थित चीनी मिल के द्वारा गन्ना किसानों का भुगतान समय पर ना होने से किसान चिंतित और बेबस नजर आते हैं लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ने वाले ज्यादातर शहरी इलाकों में जल निकासी का उचित प्रबंध ना होने के कारण बरसात में खासी परेशानी का सामना लोगों को करना होता है वही उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अब तक कोई खास व्यवस्था नहीं है ! हाँ एक संसाधन विहीन काँलेज तो है बस ! बात स्वास्थ्य व्यवस्था का करें तो यहां भी स्थिति काफी खराब और खतरनाक है । ब्लड बैंक का न होगा अत्यंत दुखद स्थिति है ।
वही अदौरी खोड़ीपाकर पुल के लिए लोग लगातार संघर्ष कर रहें हैं इस पुल के साथ ही साथ बेलवा डैम सह सड़क निर्माण मोतनाजे कोल्सो पुल बनना भी जरुरी है चुकी शिवहर अत्यंत पिछड़ा हुआ बाढ़ ग्रस्त इलाका है ऐसे में यहां का सड़क भी ठीक स्थिति में नहीं है एन एच 104 का आधा अधूरा निर्माण से लोग काफी परेशान हैं और भी कई समस्याएं हैं जिनसे लोगों को हर रोज रूबरू होना होता है…।
इन सब समस्याओं का हल तब संभव है जो हम और आप अपने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को दरकिनार कर शिवहर के हित मे सोचेंगे और एक ऐसे नागरिक कि भूमिका निभाएंगे जो सरकार से सवाल करने के साथ ही साथ उन समस्याओं का सामाधान अपने खुद कर स्तर पर कर लेंगे जो संभव हो ऐसा नही हो सकता है सड़क पर कचड़ा फेक कर हम बोलें गंदगी बहुत है सरकार दोषी है । समाज और सरकार का साझा प्रयास वास्तविक परिवर्तन लाता है । चुनाव के वक्त आम लोगों के मन में बस एक प्रश्न है आखिर कब बदलेगा अपना शिवहर ।