उत्तर प्रदेश में पार्टियों के बीच हलचल पैदा हो गई है। महागठबंधन में साथ आये सपा-बसपा और आरएलडी अब एक दूसरे से जुदा होने की संकेत दे रहे है। सबसे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने होने वाले विधानसभा उपचुनाव पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया। जबकि अब राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया चौधरी अजित सिंह भी गठबंधन का साथ छोड़ अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति बना रहे हैं।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में बीजेपी को रोकने के लिए सपा बसपा और राष्ट्रीय लोकदल ने गठबंधन किया था लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद बसपा ने खुद को इस गठबंधन से अलग करने के संकेत दे दिए। जबकि जल्द ही आरएलडी भी इसे अलग हो सकती है। इसको लेकर पार्टी नेताओं ने साथ बैठकर शाम तक अंतिम फैसला ले सकते हैं।
आपको बता दें कि चुनाव नतीजों में बसपा को 10 तो सपा को सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली थी। जबकि पश्चिमी यूपी की पार्टी RLD को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हो पाई थी। जिसके बाद मायावती ने कहा था कि ‘हमें फायदे की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।’ मायावती ने आगे कहा कि अखिलेश यादव को सपा में सुधार करने की जरूरत हैं। अगर अखिलेश सपा को बसपा की तरह बनाने में कामयाब होते है तो भविष्य में दोनों दल साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, वर्ना अलग राह तलाशनी पड़ेगी।
जिसके बाद अखिलेश यादव ने पत्रकरों से बातचीत के दौरान कहा था कि ‘आगामी होने वाले चुनाव के दौरान हम अपनी संसाधन पर चुनाव लड़ेंगे।