सेंट्रल डेस्क सिमरन गुप्ता:- रोहतांग दर्रे पर रिकॉर्ड आठ फीट बर्फबारी की वजह से मनाली–लेह मार्ग इस बार तीन हफ्ते पहले ही वाहनों की आवाजाही के लिए बंदहो गया है। भले ही यह मार्ग आधिकारिक तौर पर 15 नवंबर से मई महीने तक बंद कर दिया जाता है लेकिन 31 दिसंबर तक मौसमखुलने के दौरान सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) इसे लोगों की सुविधा के लिए बहाल करता रहा है। इस बार रिकॉर्ड बर्फबारी की वजहसे बीआरओ ने बर्फ न हटाने का फैसला लिया है। अब मई महीने तक इस मार्ग पर कोई भी वाहन नहीं चल सकेगा।
रोहतांग टनल से आवाजाही 25 नवंबर से बंद है, जबकि रोहतांग दर्रा 19 नवंबर से बंद है। हालांकि, बीआरओ ने दर्रे से बर्फ हटाकर इसेबहाल कर दिया था, मगर एक हफ्ते तक रोहतांग के आसपास बर्फीला तूफान आने से यह फिर से बंद हो गया है।
लाहौल के मरीजों के साथ कई जरूरतमंद लोग दर्रे को आर–पार करने का इंतजार कर रहे थे लेकिन अब इनकी चिंता बढ़ गई है। अनिल सहगल, कूंगा बोध, दीपक ठाकुर, चमनलाल, दुनी चंद तथा डोलमा ने कहा कि वे डेढ़ माह से कैद हैं। न टनल से जाने दिया जारहा है, न ही सरकार हेलीकाप्टर सेवा शुरू कर रही है।
उधर, हेलीकाप्टर सेवा शुरू करने के लिए लाहौल प्रशासन ने करीब एक माह पहले ही कुल्लू के साथ लाहौल के हेलीपैडों में बुकिंग सेंटरखोल दिए हैं। कुल्लू में लाहौल जाने के लिए 260 और लाहौल में करीब 150 लोगों ने कुल्लू आने के लिए आवेदन किया है।
रोहतांग दर्रे में भारी बर्फबारी हुई है। बीआरओ ने लाहौल के अंदरूनी भागों में मुख्य सड़कों को खोल दिया है। रोहतांग दर्रे से अभी बर्फहटाने का काम शुरू नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में भी बर्फ हटाने की उम्मीद कम है।
– बीआरओ कमांडर कर्नल उमा शंकर
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