बस्ती से कुछ ग्रामीणों द्वारा एक दरोगा को खंभे से बांधकर पीटने का मामला सामने आया
जहां दरोगा पर यह आरोप लगा है कि वह बहुत मनचला है और आए दिन किसी न किसी युवती को परेशान करता रहता है।
जानकारी के मुताबिक बुधवार देर रात ग्रामीणों ने दरोगा को एक युवती के घर से निकलते पकड़ा। जिसके बाद गांव वालों ने दारोगा पर रंगरेलियां मनाने का आरोप लगाया और उसका विरोध किया तो गुस्से में दारोगा ने सरकारी पिस्टल से फायर कर दिया। जिसके बाद भड़के हुए गांव वालों ने खंभे से बांधकर दरोगा की बुरी तरह पिटाई की। अगले दिन सुबह करीब 4 बजे सूचना मिलने पर दुबौलिया थानाध्यक्ष दारोगा को साथ ले गए। दारोगा के धुनाई की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
बताया जा रहा है कि दुबौलिया थाने के हल्का नंबर-2 का आरोपी दारोगा अशोक कुमार चतुर्वेदी चिलमा बाजार में किराए के मकान में रहता है। आरोपी दारोगा दो साल से दुबौलिया थाने में तैनात हैं जिसके इश्क मिजाजी होने की बात सबको पता है। करीब चार महीने पहले गांव वालों ने बड़े अफसरों से उसकी गलत हरकतों की शिकायत की थी। जिसके बाद उसे थाने से हटा दिया गया था लेकिन वह दरोगा फिर किसी तरह जुगाड़ लगाकर उस थाने में कार्यरत हो गया। आरोपी अशोक बुधवार की देर रात पल्सर बाइक से थाना क्षेत्र के ऊंजी गांव पहुंचा और एक घर में घुस गया।
दरोगा पर गुस्साए ग्रामीण वहां पहले से ही उस की ताक में बैठे थे। सुबह करीब 3 बजे जब आरोपी दरोगा अशोक घर से बाहर निकला तो गांव वालों ने उसे घेर लिया जिसके बाद उसने गुस्से में आकर सरकारी पिस्टल से फायरिंग कर दी। जिस पर गांव वालों ने क्रोध में आकर दरोगा की जमकर पिटाई के बाद उसे खंभे से बांध दिया और लाठी-डंडों से खूब पीटा। ग्रामीणों की ही सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष मनोज त्रिपाठी किसी तरह उसे ग्रामीणों से छुड़ाकर थाने ले गए।