महिलाओं पर आए-दिन दमन और अत्याचार की खबरें सामने आती रहती हैं.जिसको लेकर चीन ने कानून में कुछ बदलाव लाने के लिए कदम उठाये है बता दे की चीनी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए यह संशोधन किया जाएगा
चीन में महिलाओं पर होते है जुल्म,कानून में होने जा रहा बड़ा संशोधन
महिलाओं के अधिकारों और हितों के संरक्षण पर होगा कानून
बता दे की चीन ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सख्त कानून पारित करने की तैयारी कर ली है, चीन हर स्तर पर घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और ‘मीटू’ आंदोलन के दमन के बढ़ते मामलों के बीच महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक नया सख्त कानून पारित करने जा रहा है. सोमवार को ‘महिलाओं के अधिकारों और हितों के संरक्षण पर कानून’ का ड्राफ्ट संशोधन के लिए चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी कमेटी को प्रथम अध्ययन करने के लिए सौंपा गया.
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अंधविश्वास जैसी प्रथाओं पर रोक
सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक इस कानून में यह कदम एक बड़ा संशोधन करने के लिए उठाया गया है, जिसे लगभग 30 साल पहले लागू किया गया था वही एनपीसी से जल्द ही ड्राफ्ट बिल पारित होने की उम्मीद है बता दे की ड्राफ्ट बिल महिलाओं के खिलाफ अंधविश्वास जैसी प्रथाओं को रोकता है और नियोक्ताओं को अपने मौजूदा महिला कानून में प्रस्तावित बदलाव के तहत महिला आवेदकों से उनकी वैवाहिक या गर्भावस्था की स्थिति के बारे में पूछने से प्रतिबंधित करता है
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क्या कहती है ‘शिन्हुआ’ की खबर?
‘शिन्हुआ’ की खबर के मुताबिक पारिवारिक जीवन में पति और पत्नी दोनों के संयुक्त कर्तव्यों को भी ड्राफ्ट बिल स्पष्ट करता है और तलाक के समय महिलाओं को पति से आर्थिक मदद दिए जाने की मांग करने का अधिकार होगा, बशर्ते कि वह बच्चों के पालन-पोषण, बुजुर्गों की देखभाल करने और काम में पति की मदद करने में अधिक कर्तव्य निभा रही हो