सेंट्रल डेस्क, साहुल पाण्डेय: दुनिया की आधी अबादी आज भी बराबरी के अधिकारों से वंचित है। दुनिया भर के देशों में महिलाओं के अधिकारों को लेकर अवाजें बुलंद होती रही है और इनके सशक्तिकरण को लेकर काम भी हो रहे है। लेकिन यह रफ्तार बहुत ही धीरे है। अगर महिलाओं को उनके अधिकारों को देने की अगर यहीं रफ्तार कायम रही तो महिलाओं को समाज में बराबरी के लिए 2073 तक इंतजार करना पड़ सकता है। यह बात वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कही गई है।
हाल ही महिलाओं के अधिकारों को लेकर विश्व भर के दोशों को लेकर एक रिपोर्ट वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी की गई है। इस रिपोर्ट में महिलाओं के अधिकारों को लेकर बताया गया है कि विश्व भर में महिलाएं अपनी अधिकारों को लेकर सजग हो रहीं है। लेकिन यह रफ्तार बहुत धीमी है। इस रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर औसतन अंक 74.25 दिए गए है। बता दें यह रिपोर्ट तैयार करने में करीब 10 साल का समय लगा है। इससे पहले की रिपोर्ट में वैश्विक स्तर पर औसतन अंक 70.25 थी। बात अगर भारत की करें तो महिलाओं के अधिकारों को लेकर भारत को वैश्विक स्तर से भी कम अंक मिले है। भारत को 71.25 अंक मिले है।
इस रिपोर्ट में बताया गया हैं कि दुनिया में केवल 6 देश ही ऐसे हैं जहां महिलाओं को पुरषों के बराबर अधिकार प्राप्त है। इन देशों में बेल्जियम, फ्रांस, डेनमांर्क, लताविया रिपब्लिक और लक्जमबर्ग शामिल है। फांस दुनिया का वह देश है जहां सबसे ज्यादा तेजी से महिलाओं को पुरषों के बराबर अधिकार मिले है। यहां महिला सशक्तिकरण को लेकर कई सारे कड़े कानून भी बनाए गए है।
इन मानकों पर तैयार की वर्ल्ड बैंक
वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट को तैयार करने को लेकर कई सारे मनकों को भी तैयार किया गया था जिनके आधार पर ही सर्वे के बाद इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है। इसमें
— घर से बाहर निकलना
— नौकरी करना
— कार्य का भुगतान
— शादी करना
— बच्चे पैदा करना
— व्यवसाय करना
— संपत्ति का अधिकार
— समाजिक अधिकार पेंशन
भारत में महिलाओं की स्थिती पड़ोंसियों से बेहतर
भारत में महिलाओं की स्थित को लेकर भले ही वैश्विक स्तर पर कम अंक मिले हों लेकिन भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर कई सारे काम किए गए है। यहीं कारण है कि भारत में महिलाओं के अधिकार पड़ोसी देशों की तुलना में ज्यादा बेहतर है।
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https://youtu.be/E7mbp21a5Ys