संसद में रजयसभा सांसद सुशील मोदी के सवाल पर सदन में गडकरी ने जानकारी दी।
बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित अहम आर्थिक पैकेज के 6 साल गुजरने के बाद भी अब तक कई परियोजनाओं का काम शुरू नहीं हो सका है।
इस पैकेज में शामिल सड़क पुल- पुलिया की अब तक केवल 18 योजनाएं ही पूरी की जा सकी है।
यह जानकारी खुद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सदन में सोमवार को दी वह बिहार से राज्यसभा सदस्य और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के सवाल को जवाब दे रहे थे।
गडकरी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगस्त 2015 में घोषित योजना के पैकेज में से 54702 रुपए की लागत से सड़क व पुल- पुलिया की 90 परियोजनाओं पर काम हो रहा है। अब तक लगभग 17000 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सदन को बताया कि इनमें से 18 परियोजनाएं लगभग पूरी हो चुकी है। और 40 परियोजनाएं प्रगति पर है, जिनमें से कई के काम 60 से 94 फीसद तक हो चुके हैं 31 मार्च 2021 तक पीएम पैकेज के तहत बिहार की सड़क परियोजनाओं पर ₹16890 करोड़ खर्च किए गए हैं ।
सिलसिले वार ब्यौरा मिला
गडकरी सोमवार को राज्यसभा में सदस्य सुशील कुमार मोदी के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। जिनमें उन्होंने सभी योजनाओं का ब्यौरा पेश किया, जिनमे पांच परियोजनाओं में जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सदन को बताया कि 5 परियोजनाएं अवार्ड कर दी गई है मगर अभी काम प्रारंभ नहीं हुआ है।
तीन परियोजनाएं निविदा चरण तथा शेष 24 परियोजनाएं डीपीआर चरण में है। भागलपुर बायपास, बिहारशरीफ -बरबीघा -मोकामा, छपरा- रेवाघाट -मुजफ्फरपुर सहित 18 सड़क परियोजनाएं जहां पूरी हो चुकी है; वहीं फतुहा- बाढ़, सीतामढ़ी -जयनगर, जयनगर- नरहिया और पटना में महात्मा गांधी सेतु का निर्माण व पुणे स्थापन सहित 40 परियोजनाओं के कार्य प्रगति पर है।
भूमि अधिग्रहण है मुख्य समस्या
हाईवे निर्माण के लिए आ रही है जमीन अधिग्रहण की समस्या जिस से निपटने के लिए सरकार कुछ नई योजनाओं पर होमवर्क कर रही है।
बिहार में नेशनल हाईवे की कई परियोजनाएं जमीन अधिग्रहण की समस्या में फंसी हुई है।
इसका जिक्र पिछले दिनों पटना हाईकोर्ट ने भी किया था परियोजना के लिए चिन्हित जमीन समय से नहीं मिल पाने के कारण एजेंसियां काम में हाथ लगाने से परहेज कर रही हैं जिससे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए पैकेज का सही से क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है। !
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