टोक्यो पैरालंपिक में एक तरफ जहां भारत मॉडल पर मेडल जीत रहा है और खुशी की लहर दुगनी और चौगुनी होती जा रही है वहीं एक तरफ निराशा भी हाथ लगी है टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने इस वर्ष 4 मेडल जीते जिससे कि भारत के पदकों की संख्या में इजाफा हुआ था वही एक खिलाड़ी का मेडल वापस ले लिया गया जिसकी वजह से भारत में एक तरफ तो खुशी की लहर है और दूसरी तरफ निराशा की।
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जानकारी के मुताबिक यह सब सोमवार को हुआ जब भारत के डिस्कस थ्रोअर विनोद कुमार के जीते हुए कांस्य पदक को विकार के क्लासीफिकेशन की वजह से अमान्य घोषित कर दिया गया है। बता दें कि रविवार को ही विनोद ने पुरुषों की चक्का फेंक प्रतियोगिता में कांस्य पदक अपने नाम किया था, लेकिन वो खुशी कुछ ही देर कि थी।
दरअसल उस प्रतियोगिता के परिणाम को कुछ देशों के विरोध प्रदर्शन पर होल्ड कर दिया गया था और बाद में जो पदक भारतीय खिलाड़ी विनोद के नाम हुआ था उसे वापस ले लिया गया।
आपको बता दें कि एफ52 स्पर्धा में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं, हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है जिससे खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं। इसे ही पैरालंपिक कहते हैं।