Breaking News
Home / ताजा खबर / दो बेटियां अनोखी मिसाल बनी, परिवार के लिए संभाला “कैंची और कंघा”

दो बेटियां अनोखी मिसाल बनी, परिवार के लिए संभाला “कैंची और कंघा”

कुशीनगर जनपद में क़स्बा के ठीक बगल में सड़क के किनारे एक गांव है बनबारी टोला। जहां  सैलून चलाने वाले ध्रुवनारायण शर्मा कि छः बेटिया है। चार की तो उन्होंने शादी कर दी। लेकिन, थोड़े दिन बाद ही दुर्भाग्यवश उन्हें लकवा मार गया। जिसके बाद सैलून बंद करना पड़ा। ध्रुवनारायण शर्मा के इलाज़ के लिए जो जमा पूंजी थी वो भी दिन व दिन ख़त्म होती चली गई। घर की हालत खस्ता हो चुकी थी।


 ऐसे में ज्योति ने पिता की बंद पड़ी दुकान को खोला और वहां हेरकटिंग करनी शुरू कर दी. काम कतई आसान न था. इसके लिए ज्योति को लोगों के ताने भी सुनने पड़े.

दोनो छोटी बेटिया जो क्रमशः 11 व 13 वर्ष की है। घर की बदतर हालत देख परिवार का सहारा बनने की ठान ली। उन्होंने दोवारा अपने पिता की सैलून को शुरू करने का फैसला किया और काम सीखा। समाज की रुढ़ीबाद नज़री की सोच से बचने के लिए उन्होंने अपने रहन-सहन को बदला। इसके साथ अपना नाम ज्योति और नेहा से बदल कर दीपक और राजू रखा। लोगो के साथ लड़को जैसा बर्ताव करना शुरू किया। कई लोगो की तरफ से उनको सराहना भी मिली लेकिन कई बार लोगो की तानो का भी सामना करना पड़ा। मगर दोनों ने कभी हिम्मत नहीं हारी और दोवारा सैलून को खोला।


 मैंने जब पिता की दुकान संभाली तो बहुत परेशानी हुई. मुझे अपना वेश बदलने को मजबूर होना पड़ा.

 


अब उनके सैलून की कमाई तक़रीबन रोजाना के हिसाब से 500 से 600 के बीच हो जाती है। न केवल घर की माली स्थिति में सुधार हुई बल्कि पिता की तबियत में भी दिन प्रति दिन सुधार देखा जा रहा है। पिता ध्रुवनारायण अब लाठी सहारे सैलून तक आ जाते है। ज्योति ने बताया “पहले यह काम मेरे लिए बहुत अटपटा आ कठिन सा लगा लेकिन, धीरे-धीरे फिर इसकी आदत हो गयी।”

 
Publish By : Rishu Tomar

 

About News10India

Check Also

करहल चुनाव: राजनीतिक सरगर्मियों के बीच उठी नई चर्चाओं की लहर !

करहल में हाल ही में हुए चुनावी मुकाबले ने राजनीतिक हलकों में खासी चर्चा बटोरी। …

Leave a Reply

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com