नागालैंड फायरिंग को लेकर आज गृह मंत्री अमित शाह संसद के दोनों सदनों में बयान देंगे।
बता दें कि नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की फायरिंग में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद आम नागरिकों की मौत की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है।
इस घटना के बाद भड़की हिंसा में एक सैनिक की भी मौत हो गई। इससे पहले नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफिउ रियो ने सुरक्षाबलों द्वारा नागरिकों की कथित हत्याओं की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया था।
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वही , नागालैंड सरकार ने भड़काऊ वीडियो, तस्वीरें या टेक्स्ट मैसेज का प्रसार रोकने के लिए जिले में मोबाइल, इंटरनेट और डाटा सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बता दे की मारे गए नागरिकों के परिवार को राज्य सरकार ने पांच-पांच लाख रुपये देने की भी घोषणा की है। आज मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो घटनास्थल का दौरा करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को घटना के बारे में अवगत करा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि गोलीबारी की पहली घटना शनिवार शाम ओटिंग और तिरु गांवों के बीच हुई। कुछ दिहाड़ी मजदूर कोयला खदान से पिक अप वैन से अपने घर लौट रहे थे। इस दौरान सुरक्षा बलों ने इन मजदूरों को गलती से उग्रवादी समझ लिया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया था कि प्रतिबंधित संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल आफ नगालैंड-के युंग ओंग धड़े के उग्रवादियों की गतिविधि की सूचना मिलने के बाद अभियान चला रहे सैन्यकर्मियों ने वाहन पर गोलीबारी की थी। जिसमे छह मजदूरों की मौत हो गई थी।
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वही जब मजदूर अपने घर नहीं पहुंचे तो स्थानीय युवा और ग्रामीण उन्हें खोजते हुए घटनास्थल तक पहुंचे। उन्होंने सैन्य बलों को घेरकर उन पर हमला कर दिया।
उन्होंने सुरक्षा बलों के वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। जिसके चलते इस संघर्ष में एक सैनिक की मौत हो गई।