यूपी टीईटी 2021 पेपर लीक मामले में योगी सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है।आपको बता दें कि सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी पीएनपी संजय उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया गया है।आपको बता दें कि उन्हें मंगलवार को निलंबित किया गया था।फिलहाल संजय उपाध्याय को लखनऊ से गिरफ्तार कर नोएडा ले जाया गया है।गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 28 नवंबर को आयोजित होनी थी।लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था, जिसके कारण परीक्षा रद कर दी गई थी।
इसकी पुष्टि करते हुए एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि पेपर लीक मामले में कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा।इसके आलावा उन्होंने कहा कि इस मामले में कुल 34 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके पास से मिले दस्तावेज़ों से साफ हो गया है कि ये प्रश्नपत्र परीक्षा में आने वाले थे। जिस व्यक्ति को टीईटी के प्रश्न पत्र छापने की जिम्मेदारी मिली थी,उसके मालिक को गिरफ्तार किया गया है।वहीँ यूपी टीईटी 2021 के परीक्षा नियंत्रक व सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकरण संजय कुमार उपाध्याय को भी गिरफ्तार किया गया।पूछताछ में पता चला कि प्रश्नपत्र लीक कराने में इनकी संलिप्तता थी।
इससे पहले भी प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी आर.एस.एम. फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था।बता दें कि इस एजेंसी को प्रश्न पत्र छापने का वर्क आर्डर संजय उपाध्याय ने जारी किया था।जानकारी के मुताबिक सरकार ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को इस पूरे मामले में प्रथम दृष्टया दोषी माना है।इस परीक्षा को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ही थी।गौरतलब है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई है और दिल्ली की गैर जिम्मेदार एजेंसी आर.एस.एम. फिनसर्व लिमिटेड को पेपर प्रिंट कराने की जिम्मेदारी सौंप दी है।इस मामले में एजेंसी के निदेशक राय अनूप प्रसाद ने प्रश्न पत्र की छपाई के दौरान गोपनीयता एवं सुरक्षा मानकों की अपदेखी की, जिसकी कारण पेपर लिक हो गया और परीक्षा रद्द करनी पड़ गई थी।अनूप को जेल भेज दिया गया है।