पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कोलकाता में कोयला घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की एक टीम रविवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर पहुंची है।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की एक टीम अभिषेक बनर्जी के दक्षिण कोलकाता के हरीश मुखर्जी स्ट्रीट स्थित आवास पर गई और नोटिस दिया। तृणमूल में दूसरे नंबर पर काबिज बनर्जी को संघीय जांच एजेंसी द्वारा एक विशिष्ट तिथि पर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
बता दें कि, पिछले साल 27 नवंबर को सीबीआई ने कोयला घोटाला से संबंधित मसले पर FIR दर्ज की थी। उसके बाद बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित कई लोकेशन पर सीबीआई की टीम ने छापेमारी की थी, इसी मसले में तफ्तीश के दौरान अभिषेक बनर्जी की पत्नी का नाम सामने आया है। उसके बाद सीबीआई की टीम विस्तार से पूछताछ करना चाहती है, इसलिए आज यानि रविवार (21 फरवरी) को पूछताछ करने के लिए नोटिस देने आई थी।
अभिषेक बनर्जी की बढ़ेगी मुसीबत
हालांकि, नोटिस देने के पीछे के वास्तविक कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कोयला घोटाले के मामले में अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी को समन देने के लिए सीबीआई की टीम उनके घर पहुंची है।
सीबीआई ने अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी को समन दिया है। सीबीआई के सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसी सीबीआई दफ्तर में नहीं बल्कि रुजिरा बनर्जी के घर पर ही उनसे पूछताछ करना चाहती है।
सीबीआई ने पूछताछ के नोटिस के साथ एक मोबाइल नंबर भी दिया, जिससे संपर्क करने के लिए कहा गया है। कोयला घोटाला के केस में जांच एजेंसी पहले से ही अभिषेक बनर्जी के कई करीबियों के खिलाफ छापेमारी कर रही है।
अभिषेक बनर्जी की छवि खराब करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल हो रहा- टीएमसी
बता दें कि अभिषेक बनर्जी को लेकर पश्चिम बंगाल में इन दिनों राजनीति तेज है। गृह मंत्री अमित शाह ने कई रैलियों में अभिषेक बनर्जी का नाम लेते हुए सीधा हमला बोला है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “इसमें कुछ भी नया नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार को अस्थिर करने के लिए हर तरह की कोशिश कर रही है। वे आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अभिषेक बनर्जी की छवि खराब करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। सीबीआई नोटिस केवल उस दिशा में उठाया गया एक कदम है।”
जानिए क्या है कोयला घोटाला मामला
कोयला तस्करी से जुड़े इस मामले में जांच नवंबर से ही चल रही है। 31 दिसंबर 2020 को कोलकाता में तृणमूल यूथ कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी विनय मिश्रा के खिलाफ पशु तस्करी मामले में तलाशी अभियान चलाया गया था।
मिश्रा के खिलाफ एजेंसी ने लुक आउट सकरुलर (एलओसी) जारी किया था। दिसंबर में सीबीआई ने टीएमसी नेता विनय मिश्र के साथ ही बिजनसमैन अमित सिंह और नीरज सिंह के आवास पर भी छापेमारी की थी।
कोयला तस्करी मामले में यह आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने अवैध रूप से खनन किए गए कोयले, जिसकी कीमत कई हजार करोड़ रुपये है, को पश्चिम बंगाल के पश्चिमी हिस्सों से चलाए गए एक रैकेट द्वारा कई वर्षों तक ब्लैक मार्केट में बेचा गया है।
इस मामले में, दिसंबर के शुरुआती हफ्तों में सीबीआई ने कोलकाता के सीए गणेश बगारिया के दफ्तर में भी छापा मारा था। इस मामले में बीजेपी तृणमूल कांग्रेस को घेरती रही है। बीजेपी का आरोप है कि इसका मुख्य फायदा अभिषेक बनर्जी को हुआ है।
विनय मिश्रा के यहां सीबीआई की छापेमारी के बाद टीएमसी के पूर्व नेता शुभेंदु अधिकारी ने अभिषेक बनर्जी पर हमला बोला था। उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि यह भतीजे की ‘सक्षम’ लीडरशिप में टीम मेंबर्स की सच्ची तस्वीर है। उन्होंने टीमएसी को ‘अलग स्तर’ पर ले जाने के लिए क्या शानदार टीम बनाई है।
ट्वीट में उन्होंने अभिषेक बनर्जी का जिक्र भतीजे के रूप में किया था। वहीं, इस मामले में मुख्य संदिग्ध अनूप माझी उर्फ लाला फरार है और जांच एजेंसी द्वारा पहले ही एक लुकआउट नोटिस जारी किया जा चुका है।
बता दें कि, 2 फरवरी को सीबीआई जांच टीम अंडाल क्षेत्र में भी गई थी और कजरा में कुछ ओपन-कास्ट माइंस का दौरा किया था। उन्होंने अवैध खनन के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए आसनसोल-दुर्गापुर बेल्ट में छापेमारी की थी।
इससे पहले पिछले साल 28 नवंबर को सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के 45 विभिन्न स्थानों पर मैराथन छापे मारे थे।
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