रिश्वतखोरी से जुड़े मामले में दिल्ली सीबीआई ने नार्थ फ्रंटियर रेलवे के चीफ इंजीनियर इलेक्ट्रिकल वी.के उपाध्याय,डिप्टी चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर रंजीत कुमार बोराह और पटना के एक निजी फर्म के मालिक चिंतन जैन तथा उनके कर्मचारी नीरज कुमार को हिरासत में ले लिया है। गौरतलब ही कि डिप्टी चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर तथा चिंतन जैन के बीच रिश्वतखोरी के मामले में मंगलवार को पटना, गुवाहाटी और नोएडा में सीबीआई ने छापेमारी की थी।इसी के बाद गुवाहाटी के मालीगांव में डिप्टी चीफ इंजीनियर रंजीत कुमार बोरा और चिंतन जैन के कर्मचारी नीरज कुमार को सिबीयाई ने गिरफ्तार कर लिया था।
इसके साथ ही सीबीआई ने 9 ठिकानों पर तलाशी के दौरान 2.19 करोड़ कैश भी बरामद किया था।जिसमे से 2.13 करोड़ रुपए तथा नोएडा में तीन फ्लैट के दस्तावेज चीफ इंजीनियर के ठिकाने से बरामद किए गए हैं।इसके अलावा डिप्टी चीफ इंजीनियर के ठिकाने से करीब 6 लाख कैश के साथ डिप्टी चीफ इंजीनियर और उनके परिजनों के नाम से 6 फ्लैट के दस्तावेज बरामद किए गए।आपको बता दें कि बुधवार को सीबीआई ने सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी और कैश की बरामदगी का खुलासा किया था और सभी को गुवाहटी कोर्ट में पेश किया गया था।इस मामले में सीबीआई ने बताया कि जांच के दौरान चीफ इंजीनियर की भी भूमिका सामने आई थी तथा उस मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
गौरतलब है कि पटना के मेसर्स सन साइन डिवाइस प्रा. लिमि. के निदेशक चिंतन जैन के कर्मचारी नीरज कुमार द्वारा डिप्टी चीफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर को 15 लाख रुपए की रिश्वत देने के दौरान मंगलवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इस दौरान सीबीआई ने पटना के पश्चिमी बोरिंग केनाल रोड में गांधी नगर में स्थित चिंतन जैन के आवास और उनके दफ्तर, चिंतन जैन के कर्मचारी नीरज कुमार के फुलवारीशरीफ के ठिकाने, डिप्टी चीफ इंजीनियर के गुवाहाटी के मालीगांव स्थित ठिकाने के साथ साथ नोएडा सहित कुल 9 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
बता दें कि सीबीआई को गुप्त सूचना मिली थी कि वर्ष 2020-21 में रंजीत कुमार बोराह ने चिंतन जैन के साथ आपराधिक षडयंत्र रचा है और कई तरह के काम में उन्हें लाभ पहुंचाया है। जिसमे से मेजरमेंट बुक तैयार करने, बिल बनाने तथा पूर्व में किए गए भुगतान का बिल बनाने जैसा काम शामिल था।