कोरोना महामारी ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश अमेरिका को थका दिया है। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह बात कही है। उनका कहना है कि अब अमेरिकी लोग इससे थक चुके हैं और उनका मनोबल भी काफी कम हुआ है। हालांकि, उन्होंने इस बात का भी दावा किया कि उनकी सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए बेहतर प्रबंधन किया है।
बता दे की बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद का कार्यभार संभालने के एक वर्ष पूरे होने के मौके पर बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस में गतिरोध को तोड़ने, मुद्रास्फीति तथा वैश्विक महामारी से निपटने के लिए उन्हें अपने आर्थिक पैकेज के ”बड़े हिस्से” के साथ समझौता करना पड़ सकता है।
बाइडेन के मुताबिक उनका मानना है कि उनके एजेंडे की महत्वपूर्ण योजनाएं 2022 के मध्यावधि चुनाव से पहले पारित हो जाएंगी और यदि मतदाताओं को सभी जानकारियों से अवगत कराया गया, तो वे डेमोक्रेट का समर्थन करेंगे। बता दे की राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस से निपटने की दिशा में शुरुआती प्रगति, महत्वाकांक्षी द्विदलीय सड़क एवं पुल बुनियादी ढांचा सौदे के त्वरित तरीके से पारित होने जैसी उपलब्धियों का जिक्र करते हुए संवाददाता सम्मेलन की शुरुआत की
बाइडेन के आर्थिक, मतदान के अधिकार, पुलिस सेवा में सुधार और आव्रजन एजेंडा सहित कई लक्ष्यों को सीनेट में झटका लगा है, जहां डेमोक्रेटिक पार्टी के पास बहुमत नहीं है। वहीं, मुद्रास्फीति राष्ट्र के लिए एक आर्थिक खतरे और बाइडेन के लिए राजनीतिक जोखिम के रूप में उभरी है।बाइडेन ने इन तमाम बातों के बावजूद दावा किया कि ऐसे देश में जहां कोरोना वायरस से लड़ाई अब भी जारी है, वहां ” उन्होंने इतना बेहतर प्रदर्शन किया है, जितना किसी ने सोचा भी नहीं था।”
इसके अलावा बाइडेन ने कहा, ”वैश्विक महामारी के कारण लगभग दो वर्ष के शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बाद…हम में से कई लोगों ने बहुत कुछ सहन किया है। साथ ही ” राष्ट्रपति ने कहा, ”कुछ लोग मौजूदा स्थिति को नया सामान्य जीवन बता सकते हैं। मैं कहूंगा कि काम अभी पूरा नहीं हुआ है। स्थिति बेहतर होगी।”