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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम में लिया हिस्सा,अशोक गहलोत ने कहा देश में है हिंसा और तनाव का माहौल

‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया इस अवसर पर पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रह्मकुमारी संस्था के द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है और इस कार्यक्रम में स्वर्णिम भारत के लिए भावना भी है,साधना भी है।इसमें देश के लिए प्रेरणा भी है,ब्रह्मकुमारियों के प्रयास भी हैं।

आपको बता दें कि पीएम मोदी एक बार इस कार्यक्रम के दौरान असहज भी नजर आए जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनका नाम लेते हुए कहा कि देश में हिंसा और तनाव का माहौल व्याप्त है।इसके अलावा मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हम चाहते हैं कि देश में भाईचारा,शांति और सद्भाव मजबूत हो और इसकी आवश्यकता भी है।आगे उन्होंने कहा कि देश में तनाव और हिंसा से छुटकारा मिले ये आपकी,हम सबकी इच्छा है।मैं समझता हूं कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर ही समाज को और देश को आगे बढ़ा सकते हैं,जहां शांति और विकास होगा।

कार्यक्रम के दौरान संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है।हमसे ही राष्ट्र का अस्तित्व है और राष्ट्र से ही हमारा अस्तित्व है।ये भाव, ये बोध नए भारत के निर्माण में हम भारतवासियों की सबसे बड़ी ताकत बन रहा है।आज देश जो कुछ कर रहा है उसमें सबका प्रयास शामिल है।इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि आज हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जिसमें भेदभाव की कोई जगह न हो।एक ऐसा समाज बना रहे हैं,जो समानता और सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा हो तथा हम एक ऐसे भारत को उभरते देख रहे हैं,जिसकी सोच और अप्रोच नई है,जिसके निर्णय प्रगतिशील हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कठिनाइयों से भरे मध्यकाल में भी इस देश में पन्नाधाय और मीराबाई जैसी महान नारियां हुईं।अमृत महोत्सव में देश जिस स्वाधीनता संग्राम के इतिहास को याद कर रहा है,उसमें भी कितनी ही महिलाओं ने अपने बलिदान दिये हैं।आगे उन्होंने दुनिया जब अंधकार के गहरे दौर में थी, महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी,तब भारत मातृशक्ति की पूजा, देवी के रूप में करता था और हमारे यहां गार्गी, मैत्रेयी,अनुसूया,अरुंधति और मदालसा जैसी विदुषियां समाज को ज्ञान देती थीं।

पीएम मोदी ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि अमृत काल का ये समय हमारे ज्ञान,शोध और इनोवेशन का समय है।हमें एक ऐसा भारत बनाना है जिसकी जड़ें प्रचीन परंपराओं और विरासत से जुड़ी होगी और जिसका विस्तार आधुनिकता के आकाश में अनंत तक होगा।इसके अलावा उन्होंने कहा कि देश के लोकतंत्र में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। 2019 के चुनाव में पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया।आज देश की सरकार में बड़ी-बड़ी जिम्मेदारियां महिला मंत्री संभाल रही हैं।अब समाज इस बदलाव का नेतृत्व खुद कर रहा है।इस्सके साथ ही पीएम मोदी ने कहा है कि अमृतकाल का ये समय,सोते हुए सपने देखने का नहीं है बल्कि जागृत होकर अपने संकल्प पूरे करने का है और आने वाले 25 साल,परिश्रम की पराकाष्ठा,त्याग,तप-तपस्या के 25 वर्ष हैं।सैकड़ों सालों की गुलामी में हमारे समाज ने जो गंवाया है,ये 25 वर्ष का कालखंड,उसे दोबारा प्राप्त करने का है।

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