उत्तराखंड में आई त्रासदी को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जानकारी दी है. अमित शाह ने संसद से इस त्रासदी को लेकर हर अपडेट दिया है।
गृह मंत्री ने बताया कि सैटेलाइट डेटा से मिली जानकारी के मुताबिक, 7 फरवरी को ऋषिगंगा नदी के जलग्राम इलाके में लगभग 5600 मीटर ऊंचाई पर स्थित ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ था. ये करीब 14 वर्ग किमी था. इसी वजह से ऋषिगंगा में बाढ़ की स्थिति बनी।
अमित शाह ने बताया कि इस हादसे के बाद तपोवन में धौलीगंगा नदी पर एनटीपीसी की निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना को नुकसान पहुंचा है. उत्तराखंड सरकार ने बताया कि निचले स्थानों में अब कोई खतरा नहीं है।
साथ ही जल स्तर में भी कमी आ रही है. केंद्र और राज्य की सभी संबंधित एजेंसियां स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं.
20 लोगों की मौत, 197 लापता
अमित शाह ने कहा, “उत्तराखंड सरकार से मिली सूचना के आधार पर अब तक बीती शाम पांच बजे तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 6 लोग घायल हैं. हादसे के बाद 197 लोग लापता हैं. लापता लोगों में एनटीपीसी के 139 लोग, ऋषिगंगा परियोजना पर काम कर रहे 46 और 12 ग्रामीण शामिल हैं।
एनटीपीसी के 12 लोगों को एक टनल के अंदर से सुरक्षित बचा लिया गया है. ऋषिगंगा परियोजना के 15 लोगों को भी घटना के समय ही सुरक्षित बचा लिया गया. एनटीपीसी परियोजना की दूसरी टनल में लगभग 25-35 लोगों के फंसे होने का अनुमान है. इन लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. साथ ही लापता लोगों को ढूंढने का काम भी किया जा रहा है.”
13 गांवों का संपर्क कटा
अमित शाह ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये देने का एलान किया है. घटनास्थल के नजदीक 13 छोटे गांव से एक पुल बह जाने के कारण संपर्क कट गया है. इन गावों के लिए राशन और जरूरी मेडिकल सामान हेलिकॉप्टर से पहुचंया जा रहा है. केंद्र सरकार 24 घंटे निगरानी रख रही है. पीएम मोदी भी नजर बनाए हुए हैं. राज्य को हर संभव मदद दी जा रही है.
आईटीबीपी, आर्मी, एनडीआरएफ के जवान रेस्क्यू में लगे
उन्होंने आगे कहा, आईटीबीपी ने अपना कंट्रोल रूम बना लिया है। आईटीबीपी के 450 जवान सभी जरूरी सामान के साथ घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य में लगे हैं. एनडीआरएफ की पांच टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं. आर्मी की आठ टीमें घटनास्थल पर हैं।
एक मेडिकल कॉलम और दो एंबुलेंस भी तैनात है. नेवी की गोताखोर टीम भी तैनात की गई है. इसके अलावा एयरफोर्स के पांच हेलिकॉप्टरों को भी लगाया गया है। जोशीमठ में भी प्रशासन ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है। एसएसबी की एक टीम भी पहुंच चुकी है. डीआरडीओ की टीम भी वहां मौजूद है।
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