एक तरफ महामारी, दूसरी तरफ बाढ़ का पानी, हिम्मत ना हारते हुए कटिहार के बच्चों ने नाव पर ही शुरू की क्लास
शिक्षा कितनी जरूरी है यह बताया है कटिहार के उन बच्चों ने जो नाव पर क्लास ले रहे हैं। ताकि उनका सिलेबस समय से पूरा हो सके और जो नुकसान उन्हें लॉकडाउन की वजह से झेलना पड़ा उसकी भरपाई की जा सके।
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वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के फैलने से पूरे विश्व में शिक्षा व्यवस्था काफी हद तक प्रभावित हुई अभी तक तो कई राज्यों में स्कूल भी नहीं खोले गए हैं और मानसून के साथ बाढ़ ने बच्चों की शिक्षा को काफी क्षति पहुंचाई।
ऐसे में बिहार के कटिहार से एक गांव के शिक्षक और बच्चों ने हिम्मत ना हारते हुए इस बार के बीच भी अपनी शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए ना ऊपर क्लासेस शुरू की। बच्चों का कहना है कि पहले ही कोरोना महामारी की वजह से पढ़ाई का बहुत नुकसान हो चुका है अब हम बाढ़ को वजह नहीं बनने देना चाहते।
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हिम्मत और लगन हो तो कुछ भी मुमकिन है और यह साबित कर दिखाया है बिहार के कटिहार के शिक्षकों और बच्चों ने जिन्होंने घरों और स्कूलों में बाढ़ के पानी को देखते हुए ना ऊपर ही क्लासेस शुरु कर दी।
मीडिया से बातचीत के दौरान शिक्षक ने बताया कि जहां वह रहते हैं वह इलाका, वह राज्य साल के 6 महीने पानी से भरा होता हैं और 6 महीने सुखा। ऐसे में बच्चों की शिक्षा का नुकसान होने से बचाने के लिए उनके पास यह एकमात्र विकल्प था कि वह नाव पर ही पाठशाला शुरु कर दें। शिक्षक का कहना था कि क्योंकि साल के 6 महीने पानी से भरा होता हैं इसीलिए वे लोग नाव के आदी हो चुके हैं और जब तक राज्य में पानी रहेगा तब तक वे नाव पर ही पाठशाला चलाएंगे।
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