गाजीपुर फूल मंडी में फूल खरीदने गए बैंक्वेट हाल मालिक के बेटे को बदमाशों ने पिस्टल के बल पर अगवा कर लिया था।वहीं युवक को छोड़ने के लिए बदमाशों ने परिवार से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी,जिसपर परिवार ने किसी तरह 50 लाख रुपये का इंतजाम कर बदमाशों को दे दिए। जिसके बाद रकम मिलने पर बदमाशों ने युवक को रिहा कर दिया था।इसके बाद परिवार की शिकायत पर पटपड़गंज औद्योगिक थाना क्षेत्र केस दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। बता दें कि इस केस में स्पेशल स्टाफ सहित कई टीमों को लगाया गया है।
पुलिस के मुताबिक विकास अग्रवाल परिवार के साथ शालीमार बाग में रहते हैं।इनके परिवार में पत्नी, बेटा किनशुक और अन्य सदस्य हैं। बता दें कि कारोबारी का जीटी करनाल रोड पर अपना बैंक्वेट हाल है।बताया जा रहा है कि शुक्रवार को एक कार्यक्रम के लिए कारोबारी ने बेटे किनशुक को गाजीपुर फूल मंडी से फूल लेने के लिए भेजा गया।किनशुक अपने कार चालक जितेंद्र और एक अन्य कर्मचारी ऋचा के साथ मंडी में पहुंचे। किनशुक मंडी के बाहर कार में बैठे रहे, चालक और कर्मचारी फूल खरीदने के लिए अंदर चले गए थे।मामले में आरोप है कि उसी बीच कुछ बदमाश आए और पिस्टल के बल पर किनशुक को उसी की कार में बंधक बना लिया।
गोरतलब है कि युवक को बदमाश सड़कों पर घूमाते रहे और साथ ही बदमाशों ने पीड़ित के वाट्सएप नंबर से परिवार को काल कर के एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी।जिसके बाद कारोबारी ने बदमाशों से बेटे को छोड़ने की गुहार लगाई,उसके बाद बदमाश एक करोड़ से 50 लाख रुपये पर आ गए।वहीं बदमाशों ने सुबह 9:30 बजे कारोबारी को रमक लेकर अशोक विहार एच-ब्लॉक मोंटफोर्ड स्कूल के पास रुपये लेकर बुलाया।बता दें कि कारोबारी जब रकम लेकर पहुंचे तो बदमाशों ने उन्हें भी कार में बैठा लिया और रकम मिलने के बाद बदमाशों ने कारोबारी और उनके बेट को 10:30 बजे पश्चिम विहार स्थित रेडिसन होटल के पास उतारा तथा फरार हो गए। अरोपियों ने पुलिस को कुछ भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी।लेकिन कारोबारी ने हिम्मत जुटाकर अगले दिन शनिवार को पुलिस को इस मामले की सूचना दी।
इस मामले में पुलिस को शक है कि इस अपहरण में कारोबारी के किसी जानकार का हाथ हो सकता है।फिलहाल पुलिस कोरोबारी से पूछताछ भी कर रही है उनका किसी से कोई पुराना विवाद या रुपयों का लेनदेन तो नहीं है।पुलिस मंडी के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल कर बदमाशों की पहचान करने का प्रयास कर रही है,इसके साथ ही पीडित के फोन की सीडीआर लोकेशन भी निकाली जा रही है।केस दर्ज होने के दो दिन बाद भी पुलिस बदमाशों को पकड़ नहीं पाई है, जिले में अपराध का यह हाल तब है जब कुछ दिनों पहले पुलिस आयुक्त जिले में अपराध की समीक्षा करने के लिए आए थे।