chandrayaan-2 के ऑर्बिट से लैंडर विक्रम के अलग होने के एक दिन बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को बताया कि उसने यान को चांद की निचली कक्षा में उतारने का दूसरा चरण भी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. 7 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से पहले बुधवार को 3:42 बजे सुबह यान को एक और निचली कक्षा में ले जाया गया. आपको बता दें इसरो ने ट्वीट कर बताया है कि चंद्रयान को बुधवार को भारतीय समयानुसार सुबह 3:42 बजे पर निचली कक्षा में पूर्व निर्धारित योजना के तहत उतारा गया, इस प्रक्रिया में कुल 9 सेकेंड का समय लगा चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चांद की मौजूदा कक्षा में लगातार चक्कर काट रहा है और ऑर्बिटर व लैंडर पूरी तरह से ठीक हैं.
इससे पहले लेंडर विक्रम सोमवार को ऑर्बिट से अलग हुआ था. अगर सब कुछ ठीक रहा तो विक्रम और उसके भीतर मौजूद रोवर ‘प्रज्ञान’ के शनिवार देर रात 1 बजकर 30 मिनट से 2 बजकर 30 मिनट के बीच चांद की सतह पर उतरने की उम्मीद है.
14 दिन परीक्षण करेगा ‘प्रज्ञान’
इसरो के मुताबिक, प्रज्ञान एक चंद्र दिवस यानी पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर चांद की सतह का परीक्षण करेगा. लैंडर का मिशन एक चंद्र दिवस होगा, जबकि ऑर्बिटर एक साल तक काम करेगा. इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा कि चांद पर लैंडर के उतरने का क्षण ‘खौफनाक’ होगा क्योंकि एजेंसी ने पहले ऐसा कभी नहीं किया है जबकि चंद्रयान-1 मिशन में यान को निचली कक्षा में ले जाने का काम पहले भी सफलतापूर्वक किया गया था.
भारत बनेगा चौथा देश
chandrayaan-2 को सफलतापूर्वक लैंड कराते ही भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन गया है. इससे पहले केवल चीन, अमेरिका और रूस ही ऐसा कर सके हैं. भारत ने 22 जुलाई को 3,840 किलोग्राम वजनी चंद्रयान-2 को जीएसएलवी मैक-3 रॉकेट से प्रक्षेपित किया था। इस योजना पर कुल 978 करोड़ रुपये की लागत आई है.
Written by – Ashish Kumar
https://youtu.be/HZypnYTga90