उत्तराखंड के चमोली जिले में समुद्रतल से 13 हज़ार फीट की उचाई पर सोना शिखर के पास स्थित चेनाप घाटी गूगल पर स्थति है। लेकिन उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र में नहीं है, जबकि यह घाटी भी विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटियों में से किसी मायने में कम नहीं है। भारत देश पृथ्वी की खूबसूरत प्राकर्तिक संरचना में सर्वोपरि स्थान में से एक है। भारत में साल भर में लाखो विदेशी पर्यटक यंहा घूमने आते है।
यह भी एक बिडंबना है, कि भारत के बहुत सारे प्राकर्तिक खूबसूरत स्थान लोगो की नज़र से अब भी परे है।वही दूसरी ओर चेनाप घाटी को दो वर्ष पूर्व पर्यटन विभाग ने इसे ‘ट्रैक ऑफ़ द इयर’ घोषित करने में कार्य योजना भेजी थी, उसे आज तक मंजूरी नहीं मिली। चेनाप घाटी का खूबसूरत नज़ारा देखने के लिए बद्रीनाथ यात्रा के प्रमुख पड़ाव जोशीमठ से चाई गांव तक 10 किमी दुरी पर सड़क मार्ग द्वारा रास्ता तय करना होगा। घाटी में पहुंचते ही पांच वर्ग में फैले मखमली फूलो के मैदान के बीच बीच में खिले रंग-विरंगे फूलों से विखरा खूबसूरत आकर्षक नज़ारा देखने को मिलेगा। अभीतक चेनाप घाटी में 315 से भी ज्यादा प्रजाति के फूल देखने को मिले है।
जून से लेकर अक्टूबर तक यह घाटी कायनात की तरह फूलो से सजी नज़र आती है। यह सच है कि आधुनिक टेक्नोलॉजी पर इंसान भौतिक सुविधाओं के अभाव के चलते भले ही मानव निर्मित आधुनिक वस्तुए पर पूरी तरह निर्भर हो चुका हो। लेकिन इंसानी मस्तिष्क की अनुभूति प्राकृति की सुंदरता में ही निहित है। प्रकर्ति की सुंदरता ही एक मात्र मानव मस्तिष्क की आत्मशांति का आकर्षक केंद्र है।
इस घाटी की खासियत यह है कि चेनाप घाटी में मेलारी टॉप से हिमालय की दर्जनों गगनचुंबी चोटियों का भी दीदार यंहा से होता है। इसके अलावा यह घाटी अपनी अनूठी जैव के लिए भी प्रसिद्ध है। यंहा कई तरह वन्य जीव परिंदे तितलियाँ देखने को मिलेंगी यह घाटी आयुर्वेदिक औषिधि के लिए भी प्रसिद्ध है। यह घाटी गूगल पर है, लेकिन उत्तराखंड के पर्यटन मानचित्र में नहीं, जबकि यह घाटी विश्व में प्रकर्ति के सबसे सुन्दर आकर्षक स्थानों में से एक है।