सेन्ट्रल डेस्क, अरफा जावेद- उद्योगपति अनिल अंबानी की आलोचना और बचाव को लेकर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल लगातार सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे हैं। बता दें कि जहां एक तरफ कांग्रेस अनिल अंबानी को राफेल डील में घेर रही है, वहीं दूसरी ओर कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी की तरफ से केस लड़ रहे हैं। बता दें कि कपिल सिब्बल कोर्ट की अवमानना से जुड़ा एक केस लड़ रहे हैं, जिसमें मुद्दई कंपनी एरिक्सन इंडिया है।
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कपिल सिब्बल ने कोर्ट में रखा अनिल का पक्ष
एरिक्सन इंडिया ने सप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी के खिलाफ बकाया राशि को लेकर केस दर्ज किया है। कंपनी का कहना है कि अनिल अंबानी की रिलायंस कम्युनिकेशंस ने बकाया पैसे चुकाए बिना खुद को दिवालिया घोषित कर दिया, जो स्पष्ट तौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। इस मामले में मंगलवार को अनिल अंबानी अपने वकील कपिल सिब्बल के साथ सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। सुप्रीम कोर्ट में अनिल अंबानी का पक्ष रखते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि रिलायंस जियो को रिलायंस कम्यूनिकेशंस के एसेट्स बेचने की डील फेल हो गई है, जिसके कारणवश एरिक्सन रिलायंस कम्यूनिकेशंस पर बकाया राशि चुकाने के लिए दबाव नहीं बना सकता है।
रिलायंस कम्यूनिकेशंस पर है इतने करोड़ का कर्ज़
बता दें कि अनिल अंबानी की कंपनी पर 47,000 करोड़ रुपये का कर्ज़ है और इस वजह से उन्होंने 1 फरवरी को कंपनी को दिवालिया घोषित करने के लिए एनसीएलटी की ओर रुख किया है। इस पर एरिक्सन ने अनिल अंबानी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाते हुए कोर्ट से बकाया राशि चुकाए जाने तक अनिल अंबानी के हिरासत में लेने की मांग की है। बता दें कि रिलायंस कम्यूनिकेशंस पर एरिक्सन का 550 करोड़ रुपये का कर्ज है और इसे चुकाने के लिए अनिल अंबानी ने पर्सनल गारंटी ली थी।
इस वजह से नहीं मिला अनिल अंबानी को मुकेश अंबानी का साथ
बता दें कि अनिल अंबानी ने पिता धीरूभाई अंबानी के 85 वें जन्मदिन के मौके पर अपनी कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशंस के टेलिकॉम एसेट्स मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो को बेचने का ऐलान किया था। इस डील के फाइनल होने के बाद अनिल की कंपनी को 23,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी, लेकिन कंपनी पर बकाया राशि की जिम्मेदारी किसकी होगी, इस सवाल के चलते ये डील फाइनल नहीं हो पाई।
It seems Airbus , French Government , Anil Ambani all knew that the PM will sign an MOU on his visit to France between 9th and 11th April , 2015 .
This Government’s lies exposed. pic.twitter.com/rJGNNycaRH
— Kapil Sibal (@KapilSibal) February 12, 2019
राफेल पर सिब्बल ने अनिल को घेरा
मंगलवार को जहां एक तरफ कपिल सिब्बल ने अनिल अंबानी का कोर्ट में पक्ष रखा था, वहीं दूसरी ओर उन्होंने राफेल मुद्दे पर अनिल अंबानी पर हमला करते हुए ट्वीट किया कि ऐसा लगता है कि एयरबेस, फ्रांस सरकार और अनिल अंबानी को पता था कि प्रधानमंत्री मोदी 9-11 अप्रैल 2015 के बीच फ्रांस में एमओयू पर दस्तख़त करने वाले हैं। इसके साथ-साथ उन्होंने एक पत्र भी ट्वीट किया है, जो कथित तौर पर यूरोपियन एसोस्पेस कंपनी एयरबेस के अधिकारी ने लिखा है। इस पत्र में ई-मेल के बारे में भी लिखा गया है, जिसके बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है।