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कुछ ऐसे सजाएं अपनी राखी की थाली, इन खास चीजों को रखना न भूलें

राखी की थाली पूजा के लिए इस्तेमाल की जाती है तो इसका पवित्र होना बेहद जरूरी है। पूजा की थाली में इन पवित्र चीजों का होना जरूरी तो है ही साथ में शुभ भी माना गया है।

राखी की थाली में रखें ये चीजें 

राखी – सबसे पहले राखी को पूजा की थाल में रखें आखिर राखी का ही तो त्यौहार है। मान्यताओं के अनुसार कलाई में इसे बांधने पर बुरी शक्तियां नष्ट होती है। यदि राखी के दिन बहने राखी की थाली में रक्षा सूत्र को रखें और उसे भाई को बांधे तो भाई शारीरिक तौर पर स्वस्थ रह सकता हैं।

चंदन हर पूजा व शुभ काम में चंदन का इस्तेमाल होता है |राखी बांधते समय चंदन का तिलक करने से भाई के लिए शुभ होगा। कोई भी शुभ कार्य हो, पूजा हो या फिर कुछ और, इसकी शुरुआत तिलक लगाने से ही होती है। तिलक लगाया जाता है रोली से जिसे कुमकुम भी कहते हैं। वैसे देखा जाए तो तिलक लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। बीच माथे पर तिलक लगाने से शरीर को शक्ति मिलती है और आत्मविश्वास बढ़ता है इसलिए राखी बांधने से पहले अपने भाई को कुमकुम का तिलक जरूर लगाएं। 

अक्षत का अपना ही महत्व है। तिलक लगाने के बाद उस पर चावल यानी अक्षत जरूर लगाया जाता है। वहीं इस बारे में शास्त्रों का कहना है कि तिलक लगाते वक्त माथे पर अक्षत लगाने से सभी काम सही तरीके से पूर्ण होते हैं।

नारियल – हमारे हिंदू धर्म में नारियल जिसे श्रीफल भी कहते हैं, को देवी-देवताओं का फल माना जाता है। इसे हर शुभ काम पर इस्तेमाल किया जाता है। ‘श्री’से भाव है देवी लक्ष्मी का फल। यह फल देते हुए बहन यह कामना करती है कि भाई के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहे और वह उन्नति करता रहे। श्रीफल को पूर्ण फल भी कहा जाता है। यानी प्रेम और सद्भाव से रिश्ते की पूर्णता बनी रहे इसलिए श्रीफल दिया जाता है। वहीं राखी बांधते समय भाई के हाथ में नारियल देकर भी राखी बांधी जाती है इसलिए पूजा की थाली में इसका होना जरूरी है। मान्यताओं के अनुसार राखी बांधते समय नारियल का इस्तेमाल करने से भाई के जीवन में सुख-समृद्धि आती हैं।

मिठाई– यहां हर शुभ काम में, खुशी के मौके पर मुंह मीठा करने का रिवाज है तो राखी का त्यौहार भला इससे कैसे अछूता रह सकता है। जी हां, भाई की कलाई में राखी बांधकर उसका मुंह भी मीठा किया जाता है। माना यह जाता है कि ऐसा करने से भाई-बहन के रिश्ते में मिठास बनी रहती है। 

दीपक-हर पूजा व शुभ अवसर पर हमारे यहां दीपक जलाने का भी रिवाज है। इस तरह हम अंधेरे को दूर करके प्रकाश फैलाते हैं।  रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर बहनें दीपक जलाकर भाई की आरती उतारती है।  जिस भाई से आप अपनी रक्षा का वचन मांगती हैं उसकी लंबी उम्र और खुशहाली के लिए आरती की जाती है। इसके लिए थाली में एक दीपक जरूर रखा जाना चाहिए। आप चाहें तो इसके लिए मिट्टी का दीया भी इस्तेमाल कर सकती हैं।

-पानी से भरा कलश राखी की थाली में होना बेहद जरूरी। ऐसी मान्यता है कि इस कलश में सभी तीर्थों और देवी-देवताओं का वास होता है। यह तांबे का ही होना चाहिए और इसी कलश के जल को चंदन या कुमकुम में मिलाकर तिलक लगाया जाता है। कलश के प्रभाव से भाई और बहन के जीवन में सुख और स्नेह हमेशा बना रहता है।

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