मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रेजिडेंट डॉक्टर के समर्थन में आ गए हैं।आपको बता दें कि नीट पीजी काउंसलिंग में देरी के खिलाफ डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने डॉक्टरों की मांग मानने के लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा है।मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र के डॉक्टर कई दिनों से हड़ताल पर हैं।इन्होंने कोरोना में अपनी जान की बाजी लगाकर सेवा की।कोरोना फिर बढ़ रहा है।इन्हें अस्पताल में होना चाहिए,न कि सड़कों पर।इन पर पुलिस ने जो बर्बरता की है,उसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।
12 दिनों से चल रही है डॉक्टरों की हड़ताल
आपको बता दें कि नीट पीजी काउंसलिंग का यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं।कोर्ट की तरफ से सुनवाई के लिए छह जनवरी का दिन तय किया गया है,लेकिन काउंसलिंग पहले कराने के लिए डॉक्टर बीते 11 दिन से हड़ताल पर हैं।बता दें कि सफदरजंग, लोकनायक, जीटीबी, जीबी पंत, आरएमएल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर मरीजों का इलाज नहीं कर रहे हैं।यहां पर ओपीडी से लेकर सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाएं पहले से प्रभावित हैं,लेकिन एम्स सहित कुछ अस्पतालों में इलाज मिल रहा है,जिसकी वजह से ही मरीजों को थोड़ी बहुत राहत थी,लेकिन सोमवार की शाम सभी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर विरोध में फिर से उतर आए हैं।
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धरना देते रहे हजारों डॉक्टर
गौरतलब है कि सरोजनरी नगर थाने के बाहर सोमवार देर रात 11 बजे तक रेजिडेंट डॉक्टर धरना देते रहे।आईटीओ स्थित शहीद पार्क पर विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से नाराज रेजिडेंट डॉक्टर रात साढ़े आठ बजे सफदरजंग अस्पताल से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया के आवास की ओर रवाना हुए थे ,लेकिन रिंग रोड पर पहुंचने के बाद ही दिल्ली पुलिस ने सभी को रोक दिया था।
डॉक्टरों पर बरसा रहे लाठी
रेजिडेंट डॉक्टरों के मुताबिक भाजपा सरकार ने पिछले साल कोरोना योद्घाओं पर फूल बरसाए थे।उनके लिए थालियां भी बजवाईं थी लेकिन अब वही सरकार कोरोना महामारी की जब तीसरी लहर आ रही है,तो डॉक्टरों पर लाठी बरसा रही है।मामले में सफदरजंग अस्पताल की डॉ. सविता ने बताया है कि उनके साथ दिल्ली पुलिस के पुरुष जवानों ने खींचतान की तथा उन्हें घसीटने का प्रयास भी किया।वहीं सोमवार को देर शाम जब पुलिस ने डॉक्टरों को हिरासत से मुक्त किया तो डॉक्टर सफदरजंग अस्पताल पहुंचे।जिसके बाद अलग अलग अस्पतालों से एकत्रित होकर हजारों की संख्या में रेजिडेंट डॉक्टर पहुंचे हैं।