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भीषण गर्मी के चलते बिहार में जारी किया “धारा 144” का फरमान

पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी के कारण बिहार के लगभग जिला में धारा 144 लगाया गया हैं। वहीं दरभंगा जिला अधिकारी त्यागराजन ने 17 जून से 22 जून तक सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थान को बंद करने का निर्देश दिया था। जिसका दरभंगा प्राइवेट टीचर ऐसोसिएशन( DPTA )ने दरभंगा में धारा 144 का समर्थन किया।


 

भीषण गर्मी के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रसाशन दरभंगा ने भा0 द0 स0 144 का प्रयोग करते हुए सभी स्कूल, कॉलेज एवं कोचिंग संस्थान 22 जून तक बंद करने का आदेश दिया है। दरभंगा प्राइवेट टीचर एसोसिएशन (DPTA) ने जिला प्रशासन के बंद का समर्थन करते हुए छात्र-छात्राओं के हित में आज हुई बैठक मे सर्वसम्मति से अपनी अपनी कोचिंग संस्थानों को 22 जून तक बंद करने का निर्णय लिया। इस बैठक में कमर आलम, आदर्श कुमार, नौशाद अहमद, के.के झा, एस कुमार, अरुण कुमार, तबरेज़ आलम, फारूक आज़म, ऍम कुमार, आर.के झा, ऍम.ऍम आलम, ऍम.के रॉय, एस.के रॉय, एस.के ठाकुर ,इंजीनियर आर.ई खान सहित लगभग 100 टीचर ने एक सुर में जिला पदाधिकारी के आदेश का समर्थन किया एवं जिला प्रशासन को हर संभव सहयोग देने की बात कही।


क्या है धारा-144

सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 शांति व्यवस्था कायम करने के लिए लगाई जाती है। इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट यानी जिलाधिकारी एक नोटिफिकेशन जारी करता है और जिस जगह भी यह धारा लगाई जाती है, वहां चार या उससे ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकते हैं। इस धारा को लागू किए जाने के बाद उस स्थान पर हथियारों को ले जाने का आदेश नहीं है।

क्या है सजा का प्रावधान

धारा-144 का उल्लंघन करने वाले या इस धारा का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार कर सकती है। उस व्यक्ति की गिरफ्तारी धारा-107 या फिर धारा-151 के तहत की जा सकती है। इस धारा का उल्लंघन करने वाले या पालन नहीं करने के आरोपी को एक साल कैद की सजा भी हो सकती है। वैसे यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत हो जातीहै।

 क्या है दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी)

दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये मुख्य कानून है। यह सन् 1973 में पारित हुआ था। इसे देश में 1 अप्रैल 1974 को लागू किया गया। दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम ‘सीआरपीसी’ है। जब कोई अपराध किया जाता है, तो सदैव दो प्रक्रियाएं होती हैं, जिन्हें पुलिस अपराध की जांच करने में अपनाती है। एक प्रक्रिया पीड़ित के संबंध में और दूसरी आरोपी के संबंध में होती है। सीआरपीसी में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है।

 

खराब व्यवहार की इजाजत नहीं देता कानून

कुछ प्रकार के मानव व्यवहार ऐसे होते हैं जिसकी कानून इजाजत नहीं देता। ऐसे व्यवहार करने पर किसी व्यक्ति को उसके नतीजे भुगतने पड़ते हैं। खराब व्यवहार को अपराध या गुनाह कहते हैं और इसके नतीजों को दंड यानी सजा कहा जाता हैं।

वरुण ठाकुर

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