सेंट्रल डेस्क प्राची जैन: टीम इंडिया पहली बार डे-नाइट टेस्ट खेलने जा रही है। बांग्लादेश के खिलाफ खेली जा रही दो टेस्ट की सीरीज का दूसरा मुकाबला कोलकाता के ईडन गार्डंस के मैदान पर दूधिया रौशनी में खेला जाएगा। आईसीसी ने टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिए साल 2012 में डे-नाइट टेस्ट की मंजूरी दी थी।
सात साल के बाद भारतीय टीम गुलाबी गेंद से खेलने के लिए 22 नवंबर को ईडन गार्डंस के मैदान पर उतरेगी। इस गुलाबी गेंद से खेले जाने वाले टेस्ट मैच से पहले आइए जानते हैं डे-नाइट मुकाबले के कुछ ट्विस्ट के बारे में, जो इस खेल को और भी रोमांचक बनाएंगे।
डे नाइट टेस्ट में भी दिन में खेले जाने वाले मुकाबले की तरह ही एक दिन में 90 में ओवर का खेल होगा। खराब मौसम और रौशनी के कारण खेल कम ओवर का भी हो सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से अंपायर के निर्णय पर निर्भर करेगा। हालांकि डे-नाइट टेस्ट में रौशनी की समस्या नहीं होगी, लेकिन खराब मौसम अगर खेल को प्रभावित करेगा, तो कम ओवर का खेल होगा।
12: 30 बजे टॉस का सिक्का उछलेगा। डे-नाइट टेस्ट का खेल दोपहर एक बजे से रात आठ बजे तक खेला जाएगा। इस बीच दो ब्रेक होंगे। हर दिन का खेल तीन सेशन में बंटा होगा। पहला सेशन दिन की शुरुआत से लंच तक होगा। दूसरा लंच से चायकाल तक और तीसरा सत्र टी से दिन के खेल के अंत तक। टीम को पहला ब्रेक 40 मिनट का मिलेगा, जो शाम तीन बजे से 3:40 तक चलेगा और दूसरा 5:40 से शाम छह बजे तक 20 मिनट का होगा।
बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन ने भारत के पहले डे-नाइट टेस्ट को यादगार बनाने के लिए कई खास इंतेजाम किए हैं। भारत-बांग्लादेश के बीच खेले जाने वाले इस मुकाबले को देखने के लिए गृह मंत्री अमित शाह भी पहुंचेंगे, वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना इस ऐतिहासिक मैच का शुभारंभ घंटी बाजकर करेंगी।
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