सेंट्रल डेस्क सिमरन गुप्ता:- राजस्थान के जयपुर में 11 साल पहले हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट के मामले में विशेष कोर्ट ने बुधवार को चार आरोपियों को दोषीकरार दिया। 13 मई 2008 को जयपुर में आठ जगहों पर बम धमाके हुए थे जिसमें 71 लोगों की मौत हुई थी। जिन आरोपियों को कोर्टने दोषी करार दिया उनके नाम शाहबाज हुसैन, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी, सैफुर्रहमान एवं सलमान हैं। बता दें कि विशेषकोर्ट के न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा इस केस की सुनवाई करने वाली आठवें न्यायाधीश हैं, उनसे पहले सात न्यायाधीश इस मामलेकी सुनवाई कर चुके हैं। जयपुर धमाके में शामिल अन्य चार आरोपी शादाब, आरिज, मोहम्मद खालिद एवं साजिद को पुलिस आज तकगिरफ्तार नहीं कर पाई है। हालांकि, चार फरार आरोपियों में से मोहम्मद आरिज उर्फ जुनैद को दिल्ली पुलिस ने यूपी के आजमगढ़ सेगिरफ्तार किया था। लेकिन, राजस्थान एटीएस ने अभी तक इस आरोपी को दिल्ली पुलिस से रिमांड पर नहीं लिया है।
इसके अलावा इस ब्लास्ट के दो अन्य आरोपी मोहम्मद आतिक व साजिद छोटा की 2008 में दिल्ली के बाटला हाउस में पुलिस से हुईमुठभेड़ में मौत हो गई थी। गौरतलब है कि जयपुर बम ब्लास्ट में 71 लोग मारे गए थे और 185 लोग घायल हुए थे।
दो आरोपी हैदराबाद जेल में
दूसरी ओर, जयपुर ब्लास्ट में शामिल दो आरोपियों को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल दोनों हैदराबाद जेल में बंद है।जयपुर में दर्ज मुकदमों में पूछताछ के लिए इन्हें जयपुर लाने की कोशिशे जारी हैं। इन आरोपियों पहला आरोपी असद्दुल्ला अख्तर उर्फहड्डी उर्फ डेनियल उर्फ असद उर्फ तबरेज उर्फ युनुस उर्फ मामू उर्फ रईस उर्फ हैदर उर्फ समीर है। यह भी यूपी के आजमगढ़ का रहने वालाहै। वहीं, दूसरा आरोपी अहमद सिद्दी बप्पा उर्फ यासीन भटकल है। यह भी असद्दुल्ला के साथ ही हैदराबाद जेल में बंद है।
धमाकों के बाद जांच के लिए राज्य सरकार ने किया था एटीएस का गठन
परकोटे में हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद राजस्थान की भाजपा सरकार ने आरोपियों को पकड़ने के लिए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड़(एटीएस) का गठन किया था। इसका मुख्यालय जयपुर में स्थापित किया गया। साथ ही कोतवाली और माणकचौक थाने में दर्ज आठकेसों का अनुसंधान एटीएस राजस्थान को सौंपा गया। एटीएस ने इन धमाकों में 11 आतंकियों को नामजद किया।
इनमें पांच आरोपियों को एटीएस राजस्थान ने गिरफ्तार कर लिया। दो आंतकियों को हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। एक कोपिछले साल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। वहीं, तीन आरोपी अभी भी फरार है।
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