सेंट्रल डेस्क प्राची जैन: विशाखापट्टनम में खेले जा रहे दूसरे वन-डे में वेस्टइंडीज टीम काली पट्टी बांधकर मैदान पर उतरी है। यह कैरेबियाई टीम का अपने पूर्व खिलाड़ी के प्रति सम्मान का भाव है, जिनका सोमवार को अमेरिका के फ्लोरिडा में लंबी बीमीरी के बाद निधन हो गया।
यह खिलाड़ी हैं 60 के दशक में वेस्टइंडीज के मिडिल ऑर्डर की जान रहे बासिल बुचर, जिन्होंने वेस्टइंडीज के लिए 44 टेस्ट मैच में 43.11 की औसत से 3104 रन बनाए। मंगलवार को दूसरे वन-डे से ठीक एक दिन पहले मैनेजर फिलिप स्पूनर ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए बताया था कि, सर गैरी सोबर्स, रोहन कन्हाई और क्लाइव लायड जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलने वाले वेस्टइंडीज के महान खिलाड़ियों में से एक बासिल बूचर के निधन के शोक में उनकी टीम विशाखापट्टनम वन-डे में बांह पर काली पट्टी बांधकर खेलेगी।
बासिल बुचर वेस्टइंडीज की ओर से खेलने वाले पहले अमरेंडियन थे। ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर रिची बेनॉ का मानना था कि बेसिल बुचर को आउट करना बेहद मुश्किल था। बुचर के नाम पर सात टेस्ट शतक और फर्स्ट क्लास करियर में कुल 31 शतक हैं। इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने करियर में सबसे ज्यादा 1373 टेस्ट रन इंग्लैंड के खिलाफ बनाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेसिल ने सर्वाधिक तीन शतक तो भारत के विरुद्ध दो शतक और तीन अर्धशतक ठोके थे।
पार्ट टाइम लेग स्पिन करने वाले बुचर ने इंग्लैंड के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में 5 विकेट लेकर 34 रन बनाए थे। 1970 में उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर से भी नवाजा गया था। क्रिकेट के अलावा वह और कई काम भी करते थे। बुचर ने इंश्योरेंस सेल्समैन की नौकरियां भी की।
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