सेन्ट्रल डेस्क- जिनेवा युद्ध बंदी एक्ट के तहत पाकिस्तान को भारतीय पायलट को रिहा करना होगा। बता दें कि जिनेवा युद्ध बंदी एक्ट के तहत पाकिस्तान भारतीय पायलट को सुरक्षित रखेगा और उसे वैसे ही सुविधाएं उपल्ब्ध कराएगा जैसी उसे भारत में ड्यूटी के दौरान मिलती हैं। रिटायर्ड मेजर जनरल केके सिन्हा का कहना है कि भारत का मिग-21 विमान भारतीय सीमा की सुरक्षा में था और भारतीय पायलट अपनी वर्दी में है। इसके साथ-साथ पाकिस्तानी सेना मीडिया के सामने ये भी स्वीकार कर चुकी है कि भारतीय वायुसेना का एक पायलट उसके कब्जे में है।
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बता दें कि इससे पहले भी करगिल युद्ध के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता का विमान पाकिस्तान की धरती पर दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से जा गिरा था। 28 मई सन् 1999 को पाकिस्तान सेना द्वारा नचिकेता को बंदी बना लिया गया था, लेकिन 4 जून सन् 1999 को उन्हें यूएन और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के दबाव के चलते पाकिस्तान ने रिहा कर दिया गया था।
रिटायर्ड मेजर जनरल का कहना है कि अगर भारतीय पायलट को कुछ भी होता है तो ये जिनेवा एक्ट का उल्लंघन होगा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये एक क्रिमिनल केस होगा। उन्होंने फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता को भी 7 दिनों के अंदर भारत को सौंपा था और अब उन्हें विंग कमांडर अभिनंदन को भी भारत को सही-सलामत लौटाना होगा।
क्या है जिनेवा युद्ध संधि?
जिनेवा युद्ध संधि के मुताबिक किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता है। इसके साथ-साथ युद्धबंदी से किसी भी प्रकार की गुप्त सूचना प्राप्त करने के लिए उसे डराया-धमकाया नहीं जा सकता है और ना ही युद्धबंदी को अपमानित किया जा सकता है। इसके अलावा युद्धबंदी को वैसी ही मेडिकल सुविधाएं उपल्ब्ध कराई जाएंगी जैसे उसे अपने देश में ड्यूटी के दौरान कराई जाती हैं।