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बॉलीवुड में हीरो पंकज त्रिपाठी एक समय पर होटल में छीलते थे प्याज ,जानिए इनकी पूरी कहानी ?

पंकज त्रिपाठी जो आज बॉलीवुड का जाना माना नाम है।उनके अभिनय को आज लोग पसंद करने के साथ – साथ उनके कार्य की सराहना भी कर रहे है। वह जिस भी किरदार को निभाते है उसको पूरी शिद्दत से निभाते है। परंतु क्या आपको पता है कि बॉलीवुड में हीरो बने पंकज त्रिपाठी एक समय पर होटल में शेफ थे और प्याज छीलते थे। आज हम आपको पंकज त्रिपाठी के जीवन के उन पहलुओं से वाकिफ कराने जा रहे है जो आपने शायद ही सुने हो।

Pankaj tripathi

जानकारी के मुताबिक पंकज त्रिपाठी पहली बार एक दोस्त के कहने पर नाटक देखने गये थे। जिसके बाद वह लगातार नाटक के दर्शक बन गए । उसको देखते – देखते ही उनके मन में यह विचार आया कि उन्हें भी यही करना चाहिए । क्योंकि यह लोगों को हंसाते भी है और रुलाते भी है।
एक्टर पंकज त्रिपाठी के जीवन की यात्रा भी फिल्मी है। ये संघ की पाठशाला से निकलकर छात्र राजनीति में जेल जाने के बाद तथा अभिनेता बनने से पहले होटल में सेफ का भी काम भी कर चुके है ।

पंकज त्रिपाठी के अंदर नेतृत्व की क्षमता गांव से ही थी। वह खेलकूद में हमेशा आगे रहते थे। वह पढाई करने के लिए पटना गये लेकिन उनका मन पढ़ने में नहीं लगा जिसके बाद वह छात्र राजनीति करने लगे। वह एक साधारण छात्र नेता थे। परंतु इतना जरूर था कि वह कुछ हास्य-व्यंग्य और चुटकुले सुनाकर भीड़ इकट्ठा कर लेते थे। उन्होंने तीन चार साल छात्र राजनीति की। वह विद्यार्थी परिषद में रहते हुए एक बार जेल भी गये थे । जिसके बाद उन्हें लगा की यहाँ उनका भविष्य नही है।

पंकज त्रिपाठी ने 1995 से 2001 तक पटना में नाटक में काम किया। उनका पहला नाटक भीष्ण साहनी की लीला नंद शाह की कहानी थी।जिसमें उन्होंने चोर की छोटी सी भूमिका निभाई थी ।इस नाटक में लोगों ने उन्हें काफी पसंद किया। नाटक में काम करने के साथ – साथ पंकज पटना में रहने के दौरान होटल मौर्या में किचन सुपरवाइजर की नौकरी भी करने लगे । जिसके चलते थियेटर करने को लेकर मैनेजर से उन्हें कई बार डांट भी पड़ी। इसके बावजूद भी वह अपने काम में लगे रहे ।

इसके बाद वह 2001 में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में चले गए जहाँ वह चार साल तक रहे । इसके बाद उन्होंने छोटे-मोटे एड में काम किया और फिर फिल्में भी मिलने लगी। वह अपने परिवार के पहले सदस्य थे जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री की ओर अपना रूख किया। कहीं कोई पहचान नहीं थी, इसलिए संघर्ष थोड़ा लंबा चला। वह बताते है कि जिंदगी में आये उतार-चढ़ाव ने उनके अभिनय को और पक्का तथा मजबूत कर दिया।

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