मोहम्मद हसनैन की रिपोर्ट-
शिवहर, अशोगी बाजार पर अदौरी खोडी पाकर पुल निर्माण संघर्ष की बैठक हुई संघर्ष सदस्यों तथा आम जनता के बीच वार्ता के मध्य इस बात की चर्चा हुई कि सरकार चाहे पुल निर्माण की दिशा में कितना भी उदासीन क्यों ना रहे संघर्ष पूल निर्माण की दिशा में संकल्पित होकर आगे बढ़ते रहेगा अब तक विभिन्न माध्यमों से सरकार तक इस मांग को पहुंचाने का भरपूर प्रयास होते रहा लेकिन सरकार है कि निर्माण के प्रति अपनी उदासीनता को बरकरार रखे हुए हैं ।
अब संघर्ष सरकार की तरफ मात्र टकटकी लगाकर बैठने के बजाय जनता के बीच अपने प्रयास को और तीव्र करेगा की अगर सरकार के पास इस पुल निर्माण के लिए नोट नहीं है तो जनता के पास भी ऐसी उदासीन सरकार के लिए वोट नहीं है सत्ता पक्ष को अगर पुल निर्माण से मतलब नहीं है तो सजग मतदाता के रूप में जनता को भी अब सत्ता पक्ष के वोट बैंक बने रहने से परहेज करना होगा ।
ज्ञात हो कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने संघर्ष से मुलाकात में यह आश्वस्त किया था की 15 जनवरी तक पुल निर्माण के दिशा में कारगर कदम उठाए जाएंगे लेकिन आलम यह है की मुख्यमंत्री महोदय शिवहर आने से भी गुरेज करते हुए मात्र सीतामढ़ी तक आना पसंद कर रहे अगर प्रशांत किशोर जी ने गंभीरता दिखाया होगा तो सीतामढ़ी से भी हो सकती है इस पुल निर्माण की घोषणा लेकिन ऐसा ना होने की स्थिति में जनता में और आक्रोश फैलएगा जिसका खामियाजा आने वाले लोकसभा चुनाव में नोटा के रूप में सत्ता पक्ष को भुगतना पड़ सकता है ।
समिति संयोजक संजय सिंह के अनुसार अब हम जनप्रतिनिधि सरकार और सत्ता के पीछे भागने के बजाय जनता में जन जागरूकता अभियान में तीव्रता लाएंगे जन-जन को यह बताने का प्रयास तेज करेंगे की सरकार की पुल निर्माण के प्रति उदासीनता को देखते हुए नोटा ही एकमात्र विकल्प है वहीं विपक्ष में बैठे राजनीतिक दलों को भी जनता की समस्या के साथ खड़ी होनी चाहिए अपने अपने बैनर तले इस पुल निर्माण के लिए धरना प्रदर्शन हल्ला बोल और मानव श्रृंखला का निर्माण कराना चाहिए क्योंकि सत्ता पक्ष निर्माण नहीं करा रही तो विपक्ष भी गंभीरता से आवाज उठाने से ही शक्ति दिख रही है।
अगले शुक्रवार को भंडार चौक से पचपकड़ी तक मानव श्रृंखला का होना है निर्माण मीडिया प्रभारी चंद्र द्विवेदी के अनुसार संघर्ष सख्त से सख्त कदम उठाने से भी गुरेज नहीं करेगी यह हमारे तीन पीढ़ियों की मांग है जिसे पूरा कराने हम संकल्पित है संयोजक हरिशंकर जायसवाल के अनुसार प्रशांत किशोर से मिलने के बाद हम बहुत हद तक आश्वस्त दिख रहे थे।
लेकिन महज एक राजनीतिक छलावा साबित हो रहा है ऐसे में संघर्ष को और तेज करने की जरूरत है राजीव एवं रंजन जयसवाल ने इस बात पर बल दिया कि मानव श्रृंखला के साथ साथ अब हमें जनसहयोग के माध्यम से जगह जगह बैनर पोस्टर एवं जन जागरूकता कार्यक्रम को चलाना होगा कार्यक्रम में नवीन सिंह शशि भूषण झा कुश द्विवेदी आदि समेत काफी संख्या में स्थानीय ग्रामीण शरीक हुए तथा पूल न बनने की स्थिति में नोटा के प्रयोग का संकल्प लिया।