केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के गांधीधाम में इफको नैनो डीएपी (तरल) संयंत्र का भूमिपूजन एवं शिलान्यास किया। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय का गठन कर ‘सहकार से समृद्धि’ के सूत्र से देशभर के 15 करोड़ किसानों को समृद्ध बनाने लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि गांधीधाम में बनने वाला संयंत्र, इफ़को के मौजूदा 30 लाख टन डीएपी उत्पादन करने वाले संयंत्र से भी अधिक उत्पादन करेगा।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि तरल उर्वरक देश के अर्थतंत्र और कृषि क्षेत्र को मल्टी डाइमेनशनल फ़ायदा देने वाला है। नैनो DAP (तरल) के छिड़काव से भूमि प्रदूषित नहीं होगी, जिससे प्राकृतिक खेती की राह भी आसान होगी और इससे मिट्टी की उर्वरकता के साथ-साथ कृषि उत्पाद भी बढ़ेगा और भूमि संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि इफको डीएपी (तरल) ज़मीन के अंदर नहीं जाता बल्कि फ़सल के ऊपर ही रहता है जिससे डीएपी का फ़ायदा तो होता ही है साथ ही भूमि भी संरक्षित रहती है। उन्होने कहा कि डीएपी (तरल) से पानी प्रदूषित नहीं होगा, उत्पादन बढ़ेगा, दाम किफ़ायती रहेगा, सरकार के सब्सिडी के बोझ को कम करेगा और आयात कम कर भारत को यूरिया और डीएपी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।
शाह ने इस महत्वपूर्ण पहल के लिए इफ़को को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इफको ने न केवल दुनियाभर में सबसे पहले नैनो फर्टिलाइजर की शुरुआत की है बल्कि इससे फर्टिलाइजर के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के लक्ष्य को हासिल करने में बहुत अधिक मदद मिलेगी।
शाह ने कहा कि धरती माता को बचाने के लिए बहुत सारे किसान प्राकृतिक खेती की ओर निकल पड़े हैं लेकिन उनकी दो सबसे बड़ी समस्या हैं। पहली सर्टिफिकेशन न होने के कारण उनके उत्पाद को लोग ऑर्गेनिक नहीं मानते और दूसरा मानते भी हैं तो कोई उसके अच्छे दाम नहीं देना चाहता। आज देश में कई ऐसे लोग हैं जो अच्छे दाम पर ऑर्गेनिक फूड, सब्जियां, गेहूं, चावल, दालें और तेल खरीदना चाहते हैं मगर इसके सर्टिफिकेशन और मार्केटिंग की व्यवस्था नहीं है।
उन्होने कहा कि सरकार ने ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए एक मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी बनाई है जो भूमि और उत्पाद का सर्टिफिकेशन कर उत्पादों को किसानों से खरीदेगी। इन उत्पादों को एक अच्छे ब्रांड और आकर्षक पैकिंग के साथ देशभर के बाजार में बेचा जाएगा और मुनाफा सीधा किसान के बैंक अकाउंट में जमा होगा।