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भारत के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को किया जायेगा भारत रत्न से सम्मानित।

सेंट्रल डेस्क- मानसी          राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी किए गए बयान में घोषणा की गई है कि 8 अगस्त को पुर्व राष्ट्रपति ‘प्रणब मुखर्जी’ को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।

बता दें कि ये पुरस्कार मरणोपरांत सामाजिक कार्यकर्ता ‘नानाजी देशमुख’ और असम प्रख्यात गायक ‘भूपेन हजारिका’ को भी दिया जाएगा।

जनवरी 2019 में ही इन लोगों को इस सम्मान के लिए चुना गया था। इस स्म्मान की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी को बधाई दी थी। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘प्रणब दा हमारे समय के एक उत्कृष्ट राजनेता हैं। उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है और देश के विकास पथ पर एक मजबूत छाप छोडी है। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि प्रणब दा को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।’

‘नानाजी देशमुख’ जीवनभर दीनदयाल शोध संस्थान के लिए कार्य करते रहे। वह भारतीय जनसंघ से जुड़े थे। 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी, तब उन्होंने मंत्री बनने से इन्कार कर दिया था। वाजपेयी सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया था।

‘भूपेन हजारिका’ को पूर्वोत्तर और खासकर असम में प्रचंड समर्थन है। लोगों के दिलों में उनके लिए इतनी श्रद्धा है कि असम की राजधानी गुवाहाटी में उनकी याद में मंदिर भी है। उन्होंने असमिया के साथ-साथ हिंदी, बांग्ला समेत कई अन्य भाषाओं में भी गाने गाए।


भारत रत्न से अब तक 45 हस्तियों को सम्मानित किया जा चुका है। 25 जनवरी 2019 को की गई घोषणा के बाद यह संख्या 48 हो गई है।
बता दें कि अंतिम बार यह सम्मान साल 2015 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल ‘बिहारी वाजपेयी’ और ‘पंडित मदन मोहन मालवीय’ (मरणोपरांत) को दिया गया था।

भारत रत्न: भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद  द्वारा की गई थी। अन्य अलंकरणों के समान इस सम्मान को भी नाम के साथ पदवी के रूप में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। प्रारम्भ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, यह प्रावधान 1955  में बाद में जोड़ा गया। तत्पश्चात् 13 व्यक्तियों को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया गया। सुभाष चन्द्र बोस को घोषित सम्मान वापस लिए जाने के उपरान्त मरणोपरान्त सम्मान पाने वालों की संख्या 12 मानी जा सकती है। एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है।

उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले सम्मानों में भारत रत्न के पश्चात् क्रमशः पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री हैं।

Editor by- Mansi

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