एक बार फिर से पाकिस्तान में महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच गई है। जिसके चलते लोगों को अपने रोजमर्रा के खर्चों को करने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम ये है कि देश में सभी जरूरी चीजें जैसे खाने-पीने के सामान की कीमत काफी बढ़ गई है। खबरों के मुताबिक मौजूदा समय में देश में महंगाई की दर 11.5 फीसद से बढ़कर 12.3 हो गई है जो बीते 21 माह में सबसे अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़ों से पता चलता है कि बीते 21 माह में देश में महंगाई की दर कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स पर सबसे अधिक बढ़ी है। हालांकि, इसकी वजह वैश्विक मंच पर तेल की कीमतों में आई तेजी है। जिसमें कहा गया है कि देश के इतिहास में तेल की कीमतों में इतनी तेजी कभी नहीं देखी गई है जितनी इस बार देखने को मिली है। बता दें कि खाने-पीने की चीजों से लेकर अन्य चीजों के दामों में बेतहाशा तेजी देखने को मिल रही है। तेल कीमतों में आई तेजी से माल ढुलाई बढ़ गई है, जिसके चलते दूसरी चीजों पर इसका असर देखने को मिल रहा है। दो वर्षों के दौरान सबसे अधिक तेजी से महंगाई बढ़ने की बढ़ी वजह इसको ही माना जा रहा है।
बढ़ती महंगाई का असर केवल खाने पीने की चीजों तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि देश में बिजली की दर, घर का किराया, ट्रांसपोर्ट समेत दूसरी चीजों पर भी आम लोगों का खर्च काफी बढ़ गया है। पीबीएस के आंकड़ों के अनुसार फूड इंफ्लेशन शहरी क्षेत्र में करीब 11.7 फीसद तक बढ़ गया है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ये 9 फीसद है। वर्तमान समय में देश में कुकिंग आयल में करीब 6 फीसद से अधिक, फलों की कीमतों में करीब 5 फीसद, गेंहूं के आटे पर करीब 3-5 फीसद, दालों पर करीब 9 फीसद तक की बढ़ोतरी हुई है।
विपक्षी पार्टियां इमरान खान को बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर आड़े हाथों ले रही हैं। देश की संसद में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री इमरान खान से इस्तीफा देने की मांग की है। वहीं पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो का कहना है कि इमरान महंगाई को रोकने में नाकाम साबित हुए हैं।