सेन्ट्रल डेस्क कौशल : भारत की तरफ से अंतिम दलीलें देते हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि पाकिस्तान की वर्तमान न्यायिक प्रणाली में राहत की उम्मीद नहीं है क्योंकि इसको मनमुताबिक गढ़ा जा सकता है भारत ने एक बार फिर अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि पाकिस्तान ने जाधव पर जो आरोप लगाए हैं
उनको देखते हुए वहां की वर्तमान सैन्य न्यायिक व्यवस्था में केस के रिव्यू और पुनरीक्षण से कोई मकसद हल नहीं होगा साल्वे ने कोर्ट में कहा आर्टिकल 36 के उद्देश्यों के तहत किसी भी तरीके से वहां की अदालत में पुनरीक्षण और पुनर्विचार निष्पक्ष और पारदर्शी होगा ऐसा यकीन करना भोलापन होगा इस केस में भारत ने जो राहत मांगी है उसके आधार पर पाकिस्तान को जाधव को रिहा करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।‘
प्रॉपेगैंडा चला रहा है पाकिस्तान
आईसीजे में कुलभूषण जाधव मामले पर हुई सुनवाई में भारत ने वियना संधि से पाकिस्तान को घेरा भारत की तरफ से दीपक मित्तल और सीनियर वकील हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखा और पाकिस्तान की झूठी बातों का पर्दाफाश किया। हरीश साल्वे ने बताया कि पाकिस्तान ने वियना संधि के आर्टिकल 36 का उल्लंघन किया और 13 बार गुजारिश करने के बावजूद कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया गया।
शशांक कुमार ने कहा किसी दूसरे संप्रभु देश के मिलिट्री जस्टिस सिस्टम के बारे में भारत की आलोचना पर आईसीजे कितना संतुष्ट होता है यह अभी देखा जाना बाकी है लेकिन भारत के संबंध में जाधव की रिहाई और वापसी के समर्थन में सबसे मजबूत दलील यह है कि पाकिस्तान की सैन्य अदालतें किसी सार्थक रिव्यू को लेकर पूरी तरह अक्षम हैं इस तरह के मामलों में आईसीजे की तरफ से आम तौर पर यही राहत दी जाती रही है।