बादली। क्षेत्र में बुधवार को हुई बूंदाबांदी से किसानों की चेहरे खिल गए हैं। भले ही बूंदाबांदी नाममात्र की हुई है, मगर इसे गेहूं, सरसों और गाजर की फसल के लिए लाभदायक माना जा रहा है।
झज्जर/बहादुरगढ़: बादली क्षेत्र में बूंदाबांदी से किसानों के चेहरे खिले
वैसे भी कुछ दिनों से ठंड से बढ़ने से सरसों की फसल अच्छी दिखाई दे रही है। किसानों को सरसों की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है।
आजकल सरसों की फसलों में फूल खिले हैं तो गाजर निकालने का काम भी जोरों पर चल रहा है। गेहूं की पछेती फसल में किसान कोरवा लगाने लगे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों ने सरसों की फसल में बीमारियों की आशंका को देखते हुए किसानों को सलाह दी है।
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बादली कृषि सोसायटी पैक्स के अधीन 15 गांव हैं। इनमें 6500 एकड़ जमीन खेती के लिए है। इस बार करीब 1800 एकड़ जमीन में सरसों की फसल है। क्षेत्र में फिलहाल सरसों की फसल ठीक-ठाक है। कृषि अधिकारी सतीश मेहरा के अनुसार, अभी तक कहीं से भी फसलों में बीमारी की कोई जानकारी नहीं है।
बरसात फूल व फलियों वाली फसल में सोने पर सुहागा है। वर्तमान में फसलें बिना किसी बीमारी के अच्छी दिखाई दे रही हैं। किसान सोमबीर, सुनील, दीपक, अनिल और अर्जुन के अनुसार, मौसम को देखते हुए सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो फसलों से अच्छी पैदावार की उम्मीद है।
उपमंडल में इस बार पूर्व की भांति किसानों ने ज्यादा मात्रा में गेहूं व गाजर की बिजाई कम की है, जबकि सरसों का रकबा 4 हजार एकड़ के करीब है।
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कृषि विभाग के एसडीओ सुनील कौशिक ने किसानों का सलाह दी है कि पछेती फसल में प्रति एकड़ आधा बैग यूरिया का छिड़काव कर दें। सरसों में सफेद रतुआ बीमारी होने पर किसान मेनकोजेब नामक दवा का छिड़काव करें।
किसान सात सौ एमएल दवा को लगभग ढाई सौ ग्राम पानी में मिला कर छिड़काव करें। इसके अलावा उन्होंने किसानों से कहा कि अगर किसी प्रकार की कोई परेशानी या बीमारी फसलों में दिखाई दे तो वे कृषि केंद्र के अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।