20 अगस्त यानी आज के इस दिन को विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाता। अब आप सोच रहे होंगे इसे विश्व मच्छर दिवस को मनाने की क्या जरूरत है। तो चलिए आपके इसके बारे में बता देते। हमारे आसपास मौजूदा हर छोटा जीव कई जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है इसीतरह मच्छर एक छोटा जीव है जो कई खतरनाक बीमारियों को जन्म देता है।
इन बीमारियों से निजात पाने के लिए और इसके प्रति जागरुक होने के लिए हर साल पुरे विश्व में 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। आज यानी 20 अगस्त को पेशेवर चिकित्सक सर रोनाल्ड रास ने 1896 में मच्छर से जुडी बीमारियां जैसे चिकनगुनिया, मलेरिया खोज की थी,कि व्यक्ति में मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारी के लिए मादा मच्छर जिम्मेदार है। मलेरिया चिकिनगुनिया जैसी बिमारी से बचने के लिए इसका बचाव करना बेहद जरूरी है।
देशभर में ज्यादातर लोग चिकिनगुनिया की बीमारियों के शिकार होते ह। यह एक तरह की मादा मच्छरके काटने से होती है, जो घर के बाहर काटती है। इसके लक्षण 4 या 5 दिन में पता चलते है। मलेरिया आज के समय में एक आम रोग बन गया है। यह परजीवी मादा मच्छर ‘एनॉफिलीज’ के काटने से फैलता है, साथ ही इसके होने के कुछ अन्य कारण भी हैं। दरअसल प्लाज्मोडियम नामक परजीवी मादा मच्छर एनॉफिलीज के शरीर के अंदर पलता है। यह परजीवी मादा मच्छर एनॉफिलीज के काटने से फैलता है। जब यह मच्छर किसी व्यक्ति को काटता है, तब रोग का परजीवी रक्तप्रवाह के जरिए आपके यकृत तक पहुंचकर अपनी संख्या को बढ़ाने लगता है। जिसके कारण रेड ब्लड सेल्स पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती है। चूंकि मलेरिया के परजीवी रेड ब्लड सेल्स में पाए जाते हैं, इसलिए ये मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति द्वारा ब्लड ट्रासफ्यूजन के जरिए दूसरे व्यक्ति में भी संप्रेषित हो सकते हैं।ऐसे करें मच्छरों से खुद का बचाव ऐसी खतरनाक बीमारी से बचने के लिए सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। अगर हम आसपास जगह घरो में साफ़ सफाई रखेंगे ,मलेरिया व् चिकिनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारी से बच सकते है।
WRITTEN BY- RISHU TOMAR