दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने तीनों नगर निगमों का बकाया फंड देने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है।बता दें कि उपराज्यपाल ने सीएम को लिखे पत्र में नगर निगम का 328 करोड़ रूपया देने के लिए कहा है।उपराज्यपाल ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल के पत्र का हवाला देते हुए अपने पत्र में कहा है कि कोरोना महामारी काल में जन सुरक्षा के लिए निगम बेहतर कार्य कर रहे हैं।लेकिन वेतन नहीं मिलने के कारण निगम के पैरामेडिकल स्टाफ हड़ताल पर चले गए।आर्थिक तंगी से गुजर रहा निगम कर्मचारियों का महंगाई भत्ता नहीं दे पा रहा इसके लिए निगम को 240 करोड़ रुपयों की आवश्यकता है।
इस दौरान एक बयान जारी कर के दिल्ली सरकार ने कहा है कि उसने संवैधानिक तरीके से नगर निगम का पूरे पैसे का भुगतान कर दिया है।उनका एक भी रुपया दिल्ली सरकार पर बकाया नहीं है।उसके अलावा दिल्ली सरकार ने याद दिलाया कि केंद्र सरकार देश के सभी नगर निगमों को प्रति व्यक्ति 488 रुपये के हिसाब से भुगतान करता है,लेकिन दिल्ली सरकार को 17 साल से यह नहीं मिला है।इसके साथ ही केंद्र सरकार की विभिन्न एजेंसियों का हजारों करोड़ रूपया संपत्ति कर बकाया है।निगम अपना बकाया वसूल कर अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर सकता है।लेकिन दिल्ली सरकार को बदनाम करने के लिए वह ऐसा किया जा रहा है।
बता दें कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्थाई समिति के अध्यक्ष जोगीराम जैन ने बुधवार को निगम की आर्थिक तंगी के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और उन्होंने कहा कि राजनीति से प्रेरित होकर दिल्ली सरकार निगम का बकाया भुगतान नहीं कर रही है।जोगीराम जैन ने स्थाई समिति की बैठक के बाद बातचीत के दौरान बताया कि शिक्षकों के वेतन का 70% भुगतान दिल्ली सरकार तथा 30% बुक भुगतान नगर निगम करता है,लेकिन दिल्ली सरकार की तरफ से इस राशि में कटौती की जा रही है।इसके साथ ही उन्होंने कहा दिल्ली सरकार की तरफ से निगम को हर महीने मिलने वाली 80 करोड़ रुपये की राशि भी अक्टूबर से बंद है।