Breaking News
Home / देश / भारतीय जीवन का मूल सिंद्धांत मिल बांट कर जीना एक साथ रहना है : उपराष्ट्रपति

भारतीय जीवन का मूल सिंद्धांत मिल बांट कर जीना एक साथ रहना है : उपराष्ट्रपति

आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग फाउडेशन के संस्थापक ‘श्री श्री रवि शंकर’ ने शुक्रवार 28 जून को उपराष्ट्रपति ‘एम वैंकैया नायडू’ से मुलाकात की। इस जानकारी का व्यौरा उपराष्ट्रपति ने फेसबुक के माध्यम से साँझा करते हुए लिखा की ‘श्री श्री रवि शंकर’ के साथ देश और समाज से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी बातचीत काफी अर्थपूर्ण व सकारात्मक रही। उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने आध्यात्मिक गुरु ‘श्री श्री रविशंकर’ की तारीफ़ करते हुए कहा ‘श्री श्री रवि शंकर गुरु अंहिसा और वैश्विक मानवीय मूल्यों का प्रतीक है।’ आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन और उनके कार्यकर्ताओ द्वारा वैश्विक स्तर पर किये जा रहे कार्यो की श्री नायडू ने सराहना की।


श्री नायडू ने आगे कहा ‘आर्ट आफ लिविंग की शुरुआत सभी के चेहरो पर ख़ुशी लाने और जीवन को उत्सव की तरह लेने की उच्च एवं शांति की सोच है। यह एक बहुत ही महान विचार है, जो बड़े पैमाने पर व्यक्तियों और समाज की भलाई के साथ अंततः मानवीय भावना को सशक्त बनाएगा। उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा मिल बाँट कर जीने और दुसरो की परवाह करना ही भारतीय जीवन दर्शन का मूल सिंद्धांत है। हर व्यक्ति को इससे प्रेरणा लेनी चाहिए और अपनी क्षमताओं के अनुरूप समाज की सेवा करनी चाहिए यही मनुष्य का मूल उद्देश्य होना चाहिए।’

Image result for LATEST PIC VAIKAIYA NAYDU WITH SHREE SHREE RAVI SHANKAR


आर्ट ऑफ लिविंग फाउडेशन जीवन जीने की कला को कहते है जिसमे मनुष्य भौतिक सुखों से विचलित होकर तनाव मुक्त अध्यात्म और आत्मशांति की और अग्रसर होता है। आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउडेशन का मिशन लोगो को समाज को नई दिशा देना, आदर्श एवं सभ्य बनाना है।

About News10India

Check Also

उपस्थिति भले कम हो लेकिन सवाल पूछने में टॉप टेन बिहारी सांसद बन गए अजय मंडल

बिहार से लोकसभा में माैजूदगी दर्ज कर रहे सांसदों की एक रिपोर्ट सामने आई है। …

Leave a Reply

Social Media Auto Publish Powered By : XYZScripts.com