
दिल्ली की सीमाओं पर लगातार किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं। पिछले लंबे वक्त से दिल्ली के हर एक बॉर्डर पर किसानों का डेरा है। ना सिर्फ दिल्ली वालों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि सर्दी के मौसम में खुले आसमान के नीचे किसान प्रदर्शनकारी भी खासी दिक्कतों को झेल रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता के बावजूद अभी तक कोई सहमति नहीं बन सकी है। सरकार की तरफ से संशोधन के प्रस्ताव को खारिज कर चुके किसान लगातार कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं इस बीच कई किसान संगठनों ने सरकार के नए कृषि कानूनों को अपना समर्थन भी दिया है।
आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के कुछ संगठनों से मुलाकात की। किसानों के साथ बातचीत के बाद तोमर ने कहा कि किसानों का मानना है कि कृषि कानूनों में कोई बदलाव नहीं होने चाहिए। तोमर ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के बाद कहा कि यूपी के कुछ किसान संगठनों ने आज मुझसे मुलाकात की और कृषि कानूनों का समर्थन किया है। इन किसानों का कहना है कि इन तीन कानूनों में कोई भी बदलाव नहीं होने चाहिए।
वहीं कृषि मंत्री ने किसानों से बातचीत के दौरान भरोसा दिलाया कि कृषि सुधार से आने वाले समय में किसानों को काफी फायदा होगा। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि अभी हम थोड़ा-थोड़ा निर्यात करते हैं तो 21 देशों में ही कर पाते हैं जब खुला बाजार होगा तो नये-नये बच्चे आयेंगे, खेती को तकनीक से जोड़ा जाएगा। किसान एक्सपोर्टर हो जाएंगे और उनके घर की आमदनी भी बढे़गी। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने की तरफ आगे बढ़ना है तो 70 प्रतिशत किसानों को पीछे रखकर काम नहीं चलने वाला है।