पिछले करीब चार महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। किसानों ने अपने आंदोलन को धार देने के लिए नई रणनीति की तैयारी की है। किसानों ने संसद मार्च से और बंद की तैयारी शुरू कर दी है। वहीं अब सर्दी के प्रकोप को झेल चुके किसान गर्मी के लिए भी तैयारी शुरू कर चुके हैं। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल किसानों के लिए नए तरीके के झोपड़ीनुमा कमरे तैयार किए जा रहे हैं। इन कमरों का बांस से बनाया जा रहा है। माना जाता है कि बांस की वजह से कमरे ठंडे रहते हैं और इनमे कम गर्मी लगती है। इसी के तहत ये कमरे तैयार किए जा रहे हैं।
इसके अलावा खास बात ये कि गाजीपुर बार्डर पर नए कृषि क़ानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान बांस के ये घर तिरंगे के रंग में पेंट किए जा रहे हैं। खास तौर पर बांस के घरों को तैयार करने के लिए नेपाल से कारीगरों को बुलाया गया है। ये कारीगर सड़क पर किसानों के प्रदर्शन के लिए इन घरों को तैयार कर रहे हैं।
कहा जा रहा है कि भारतीय किसान यूनिय के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के कहने पर इन घरों को तैयार किया जा रहा है। वहीं किसानों के आंदोलन को लेकर रणनीति में बदलाव के लिए इसे अहम माना जा रहा है। दरअसल चार महीनों से ज्यादा वक्त से प्रदर्शन कर रहे किसानों औऱ सरकार के बीच 11 बार वार्ता हो चुकी है। लेकिन किसी तरह की सहमति नहीं बन सकी है।