छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर नक्सली हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हुए थे। वहीं इस एनकाउंटर के दौरान एक जवान के लापता होने की खबर थी। अब नक्सलियों की तरफ से जवान के अपने कब्जे में होने की सूचना दी गई है। माओवादियों ने सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो की एक तस्वीर जारी की है और उसके कब्जे में होने की जानकारी दी है। कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास शनिवार को नक्सली हमले की घटना के बाद से ही लापता थे।
मन्हास उस वक्त लापता हो गए थे जब नक्सलियों ने घात लगातर सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया था। इस घटना में देश के 22 जवानों ने शहादत दी थी और कई जवान जख्मी भी हुए थे। जारी की गई तस्वीर में मन्हास एक चटाई पर बैठे देखे जा सकते हैं। मन्हास की तस्वीर किसी नक्सली कैंप में ली गई दिखाई देती थी। शुरुआती जांच में ये एक अस्थायी कैंप दिखाई दे रहा है।
घटना के बाद जारी की गई इस तस्वीर से पहले दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी की तरफ से सरकार से संवाद की कोशिश की गई है। बैन किए जा चुके इस संगठन की तरफ से पूछा गया है कि जवान को वापस करने की प्रक्रिया के लिए किस संस्थान से बात करनी होगी।
वहीं इससे पहले कमांडो राकेश्वर के परिवार की तरफ से भी सरकार से मार्मिक अपील की गई है। जवान के परिवार ने कहा है कि सरकार को राकेश्वर के सुरक्षित लौटाए जाने को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। राकेश्वर की पत्नी ने कहा कि उनके पति पिछले 10 साल से देश की सेवा कर रहे हैं। अब सरकार की बारी है कि उन्हें सुरक्षित घर वापस लाया जाए।