एलएसी पर चल रही सेनाओं को पीछे हटाने की प्रक्रिया के बीच एक बार फिर चीनी प्रोपेगेंडा सामने आया है। पिछले साल जून में भारतीय और चीनी सेना के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। हाल ही में चीन ने स्वीकार किया है कि इस झड़प में चीनी सैनिक भी मारे गए थे। हालांकि अपने कबूलनामे के कुछ ही घंटे बाद चीन ने गलवान घाटी में हुई झड़प का एक कथित वीडियो शेयर कर प्रोपेगेंडा शुरू कर दिया है. चीनी सरकारी मीडिया की तरफ से जारी इस वीडियो को जून में गलवान घाटी में हुई झड़प का ऑन-साइट वीडियो होने का दावा किया गया है। साथ ही वीडियो में भारतीय सेना पर चीनी क्षेत्र में घुसपैठ के भी आरोप लगाए गए हैं।
19 फरवरी को चीन ने कहा था कि इस संघर्ष में उसके 4 सैनिक मारे गए थे। सेंट्रल मिलिट्री कमिशन ऑफ चाइना ने 2 अधिकारियों और तीन जवानों को सम्मानित किया था। इनमें से चार सम्मान मरणोपरांत दिए गए हैं। चीन की तरफ से बटालियन कमांडर चेन होंगजुन को मरणोपरांत ”बॉर्डर डिफेंडिंग हीरो” का अवॉर्ड दिया गया था।
इन घोषणाओं के साथ चीन ने एक वीडियो ट्वीट किया था। इस वीडियो में एक भारतीय सैनिक चीनी जवानों को समझाता हुआ नज़र आ रहा है। दरअसल 15 जून 2020 को लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इस झड़प में भारी संख्या में चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात भी मानी जा रही थी लेकिन चीन ने इसे लेकर चुप्पी साध ली थी। हालांकि रूस की न्यूज़ एजेंसी TASS की रिपोर्ट में गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक और चीन के 45 सैनिक मारे जाने की बात कही थी।