पिता रामविलास पासवान के निधन के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान नीतीश पर वरसे चिराग़ पासवान , जारी की 53 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट, भाजपा के ख़िलाफ़ राघोपुर, भागलपुर, रोसड़ा, गोविंदगंज और लालगंज में दिए प्रत्याशी
लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान की राजनीति इन दिनों भाजपा के साथ एकतरफा दोस्ती और जदयू के साथ खुलेआम लड़ाई में घिरी है। वे पिता रामविलास पासवान को बार-बार याद करते हुए भावुक हो उठते हैं।
भाजपा के साथ एकतरफा दोस्ती
चिराग पासवान की राजनीति इन दिनों इन्हीं सवालों से घिरी है। वे पिता रामविलास पासवान को बार-बार याद करते हुए भावुक हो उठते हैं। उनकी नसीहत को दोहराते हैं कि अकेले लड़ने से मत डरना। फिर कहते हैं, हम लोग इस बार अकेले लड़ रहे। चिराग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। सात निश्चय की आलोचना करते हैं। उनका वादा है कि ‘बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट’ की नीतियों को कार्यान्वित कर बिहार बदलेगा। नीतीश जी की लोकप्रियता खत्म हो गई है, विश्वसनीयता खत्म हो गई है, लेकिन भाजपा अपने वादे पर कायम है। मैं तारीफ कर रहा हूं भाजपा की। वह संकट की इस घड़ी में भी नीतीश जी को छोड़ नहीं रही।
जब नीतीश के ख़िलाफ़ खुलकर बोले चिराग़
- नीतीश कुमार जी ने बिहार को जातपात के नाम पर न सिर्फ बांट दिया है, बल्कि उसे बहुत पीछे धकेल दिया है। मैं मानता हूं कि बिहार में एक ही जाति है। वह है गरीब। नीतीश जी क्यों नहीं इस ‘गरीब जाति’ के दुख दूर कर पाए। उन्होंने पिछड़ा को अतिपिछड़ा बना दिया, दलित को महादलित बना दिया और गरीब को महागरीब बना दिया।
- सात निश्चय फेल है। हम नीतीश जी को फीडबैक देना चाहते थे, लेकिन सुनता कौन है? उसके बाद तो उनसे बात ही नहीं हुई। वह किसी की नहीं सुनते। बाहर के मेरे दोस्त पूछते हैं कि बिहार में गली-नाली पक्की करना क्या इतना बड़ा काम है कि सरकार इसका प्रचार करे। उनके सात निश्चय के जवाब में जनता ने सिर्फ एक निश्चय किया है कि उन्हें हराएगी।
- भारतीय जनता पार्टी नीतीश जी को दिया वादा निभा रही है। अमित शाह जी ने घोषणा कर दी थी कि नीतीश जी ही मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे। अब जब मुख्यमंत्री जी संकट में हैं, तो भाजपा उन्हें कैसे छोड़ दे? भले ही नीतीश जी की लोकप्रियता खत्म हो गई है, विश्वसनीयता खत्म हो गई है, लेकिन भाजपा अपने वादे पर कायम है। मैं तारीफ कर रहा हूं भाजपा की। वह संकट की इस घड़ी में भी नीतीश जी को छोड़ नहीं रही।
- मोदी जी की तस्वीर का इस्तेमाल अब मैं नहीं करूंगा। नीतीश जी को करने दीजिए। ज्यादा से ज्यादा करने दीजिए। उन्हें इसकी जरूरत है। वह बार-बार यही करते रहे हैं। महागठबंधन से नाता तोड़कर पिछले दरवाजे से एनडीए में चले आए कि मुख्यमंत्री बने रह सकें। चुनाव बाद बाहर होंगे। प्रधानमंत्री जी मेरे दिल में रहते हैं। मैं उनका हनुमान हूं। आंख मूंदकर उनपर विश्वास करता हूं।
- मेरे पास बिहार के विकास को लेकर हर सवाल का जवाब है। मुझे बहुत दुख है। आज एक मंत्री का निधन हुआ है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा हूं। वह कहां भर्ती थे? दिल्ली के मेदांता में। रघुवंश बाबू कहां भर्ती थे? दिल्ली में। बिहार के मंत्री, विधान पार्षद सब इलाज कराने दिल्ली जाते हैं। 15 साल में ढंग का एक अस्पताल भी नहीं बनवा पाए।
- चुनाव के बाद तेजस्वी के साथ मिलकर नहीं बनाएँगे सरकार, भाजपा – लोजपा ही बनाएगी सरकार।