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महागठबंधन ने जारी किया घोषणा पत्र, 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी देना का वादा

बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर राज्य के महागठबंधन ने शनिवार की सुबह अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इसी मौके पर आरजेडी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव के साथ साथ गठबंधन के कई मुख्य नेता भी मौजूद रहे। तेजस्वी यादव ने इस  घोषणा पत्र को जारी करते हुए बताया कि बिहार राज्य में अभी तक एक भी फूड प्रोसेसिंग सेंटर नहीं खोला गया है। और हमारे घोषणापत्र में सबसे ज्यादा जोर बेरोजगारी दूर करने पर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो वो सबसे पहले 10 लाख बेरोजगारों को पक्की सरकारी नौकरी देंगे। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि कई लोग पूछ रहे हैं कि 10 लाख नौकरी कहां से आएगी। चार लाख नौकरियां बिहार सरकार में ही रिक्त हैं। ये नौकरियों शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग में हैं।

वहीं इस मौके पर मौजूद कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि बिहार के ये चुनाव नई आस्था बनाम हिंदू-मुसलमान के लिए है। साथ ही उन्होंने विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी ने बिहार की पीठ में वार किया है। बिहार सबकुछ स्वीकार कर सकता है लेकिन धोखा नहीं।

घोषणा पत्र की कुछ मुख्य बातें –

1. सत्ता में आते ही 10 लाख स्थाई नौकरियां देंगे। यह फैसला बनने वाली सरकार की पहली ही बैठक में लिया जाएगा।

2. सरकारी नौकरी में बहाली के लिए छात्र-छात्राओं से कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा।

3.राज्य में कर्पूरी श्रमवीर सहायता केंद्र बनेंगे। जहां किसी भी आपदा के वक्त प्रवासी व उनके परिवार को बिहार सरकार से मदद मिल सकेगी।

4. मनरेगा के तहत प्रति परिवार के बजाय प्रति व्यक्ति को काम का प्रावधान, न्यूनतम वेतन की गारंटी एंव कार्य दिवस को 100 से 200 दिन किया जाएगा। मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार योजना भी बनाया जाएगा।



5. संविदा प्रथा को समाप्त कर नियोजित शिक्षकों को स्थाई कर समान काम समान वेतन की नीति पर अमल किया जाएगा। सभी विभाग में निजीकरण खत्म किया जाएगा। साथ ही स्थाई और नियमित नौकरी की व्यवस्था की जाएगी।



6. राज्य में वर्ष 2005 से लागू नई अंशदायी पेंशन योजना को बंद कर पूर्व की भांति पुरानी पेंशन योजना लागू की जाएगी।

7. कार्यपालक सहायक, सांख्यकी स्वयंसेवक, लाइब्रेरियन, आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं, आशाकर्मियों, मध्याह्न भोजन रसोई वर्करों, ग्रामीण, चिकत्सकों, जीविका दीदियों के अधिकारों में विस्तार। इसकी शुरुआत आशा वर्करों, आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं, रसाईकर्मियों के मौजूदा मानदेय को दोगुना करके और जीविका दीदियों को नियमित वेतन/नौकरी उपलब्ध कराई जाएगी।

8. जीविका स्वंय समहायता समूह के कैडर को स्थाई किया जाएगा। जीविका कैडर के मौजूदा दर के मानदेय को दोगुना किया जाएगा। सारे कैडर का कम से कम 4000 रुपये महीने का मानदेय दिया जाएगा। जीविका स्वंय सहायता समूह में कर्ज के रूप में तीन लाख रुपये से 4 लाख रुपये तक का टॉप अप किया जाएगा। फिलहाल यह एक से दो लाख रुपये है।



9. बिहार में बंद पड़ी चीनी मिल, जूट मिल, पेपर मिल सहित अन्य उद्योग धंधे दोबारा शुरू किए जाएंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, इंडस्टी स्पेसफिक कलस्टर्स, फूड पार्क, फूड प्रोसेसिंग यूनिट, आईटी पार्क, निर्माण क्षेत्र के स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) हर बाजार के समीप तैयार कराए जाएंगे।

10. बाढ़ नियंत्रण, जल प्रबंधन और बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए तात्कालिक और दीर्धकालीन नीतियों व उपायों को लागू किया जाएगा।

11. बिहार विधानसभा से ऐसा कानून पारित करना जो केंद्र सरकार की तीन किसान विरोधी कानूनों को बिहार में नाकाम कर सके। इस कानून के तहत राज्य की मंडियों में किसानों की फसलों की लागत मूल्य का डेढ़ गुणा दाम पर सरकारी खरीद की गारंटी, हर पंचायत में खरीद केंद्र की स्थापना।

12. किसानों के कर्ज माफ किए जाएंगे। कृषि भूमि लगान माफ किया जाएगा। सस्ते दर पर लोन, बिजली, पानी, खाद, बीजे आदि को बटाइदारों सहित किसानों को उपलबध कराना।

13. सभी प्रमंडलों में सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा। हर जिले के सदर अस्पताल में डायलिसिस केंद्र खोले जाएंगे, जिसमें गरीबों को मुफ्त डायलिसिस की सुविधा मिलेगी।


14. शिक्षा पर राज्य बजट का 12 फीसदी खर्च करना, प्राथमिक स्कूलों में हर 30 छात्रों पर एक शिक्षक व माध्यमिक स्कूलों में हर 35 छात्र पर एक शिक्षक की गारंटी करना। शिक्षकों को स्थाई नौकरी व उचित और नियमित प्रशिक्षण की व्यवस्था।

15. सभी स्कूलों में ललित कला, कंप्यूटर और खेलों के शिक्षक की नियुक्ति। आंबेडकर छात्रावास, कस्तूरबा विद्यालयों वे एससी/एसटी छात्र-छात्राओं के लिए अन्य स्कूलों और छात्रावाओं पर छह महीने कें अंदर श्वेत पत्र जारी करवाना, जिसके आधार पर इनके आधारभूत संरचना और सुविधाओं में मरम्मती हो सके।

16. यूनिवर्सिटी और कॉलेज के आधाभूत संरचना की मरम्मत, शैक्षणिक सत्र ओर परीक्षा को नियमित कर समयबद्ध तरीके से कराया जाएगा। वित्तरहित कॉलेजों के कर्मचारियों की समस्याओं का सार्थक निदान किया जाएगा।

17. नौकरशाही, को राजनीतिक नियंत्रण से मुक्त करना हमारी प्राथमिका होगी। ट्रांसफर प्रक्रिया के लिए मेरिट आधारित SOP तैयार किया जाएगा, जिसमें कार्य क्षमता, विभागीय मूल्यांकन और प्रदर्शन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

18. बिहार में मौजूदा बिजली की दरों को कम किया जाएगा। बिहार जैसे गरीब राज्य में लगभग सबसे महंगी दर पर बिजली बेची जा रही है। इस जन विरोधी नीति में बदलाव कर जनता को राहत दी जाएगी।

19. हर गांव/टोला ओर हर घर में पीने का स्वच्छ पेय जल, बिजली और पक्की रोड सुनिश्चित की जाएगी। हर गरीब को प्रस्ताविक आंबेडकर आवास योजना के तहत मकान उपलब्ध कराया जाएगा।

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