
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के कच्छ में पहुंचकर यहां दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा पार्क का शिलान्यास किया। इस दौरान इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इसका बहुत बड़ा लाभ यहां के आदिवासी भाई-बहनों, यहां के किसानों-पशुपालकों, सामान्य जनों को होगा। पीएम मोदी ने कहा कि इस परियोजना के बाद 5 करोड़ टन कार्बन डाई ऑक्साइड रोकने में मदद मिलेगी। ये 9 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर पर्यावरण के लिए लाभकारी होगा।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस परियोजना से कच्छ के युवाओं के लिए 1 लाख रोजगार पैदा होंगे। गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने सौर ऊर्जा को लेकर सबसे पहले नीति तैयार की और इसे बढ़ावा भी दिया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कच्छ ने नए जमाने की तकनीक और अर्थव्यवस्था दोनों को लेकर अहम कदम उठाए हैं। भले ही वो खावड़ा का नवीकरणीय ऊर्जा पार्क हो, मांडवी का डिसलाइनेशन प्लांट और अंजार में सरहद डेहरी ऑटोमैटिक प्लांट का शिलान्यास, तीनों ही कच्छ की विकास यात्रा में नए आयाम लिखने को तैयार हैं।
खावड़ा में विश्व के सबसे बड़े मिश्रित नवीन ऊर्जा पार्क और अरब सागर तट के पास मांडवी में खारे पानी को इस्तेमाल योग्य बनाने वाले एक संयंत्र का डिजिटल तरीके से शिलान्यास भी किया गया। 30 हजार मेगावाट का ऊर्जा पार्क में सौर पैनल और पनचक्की की मदद से बिजली पैदा होगी।
अक्षय ऊर्जा पार्क से जुड़ी अहम बातें —
- अक्षय ऊर्जा पार्क 72,600 हेक्टेयर में फैला होगा
- पवन और सौर ऊर्जा भंडारण के लिए समर्पित जोन
- सोलर एनर्जी स्टोरेज और वाइंड पार्क गतिविधि के लिए एक विशेष जोन
- गुजरात सरकार ने सितंबर 2020 में प्रोजेक्ट को मंजूरी दी
- प्रॉजेक्ट को पूरा करने में दो साल का वक्त लगने की संभावना
- भारत-पाकिस्तान की सीमा पर बंजर जमीन पर बन रहा है पार्क