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शोपियां एनकाउन्टर पर उठे बड़े सवाल, मारे गए तीनों युवक थे कश्मीरी।

जुलाई महीने में जम्मू कश्मीर के शोपियां हुआ एनकाउंटर अब सवालों के घेरे में आ गया है। डीएनए रिपोर्ट से साबित हो गया है कि एनकाउंटर में मारे गए तीनों युवक कश्मीरी थे। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जुलाई में शोपियां मुठभेड़ को लेकर सवाल खड़े किए थे । वहीं अब डीएनए जांच के नतीजे सामने आने के बाद साबित हो गया कि मारे गए तीनों युवक राजौरी जिले के रहने वाले थे।

दरअसल उमर ने ट्वीट किया था कि ‘‘आधिकारिक बयानों के मुताबिक मुठभेड़ स्थल से हथियार और कारतूस समेत भड़काऊ सामग्री मिली थी. वहां पर किसने भड़काऊ सामग्री रखी थी.”

दरअसल उमर का ये बयान कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार के उस बयान पर प्रतिक्रिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि तीनों लोगों के डीएनए नमूनों का उनके परिजनों के नमूनों से मिलान हो गया है। दरअसल मुठभेड़ के बाद सेना ने इन तीनों लोगों को आतंकी बताया था।

https://youtu.be/ZcrZ2TAwb7w

वहीं अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर ने कहा, ‘‘तीनों युवकों के शवों को उत्तरी कश्मीर में कहीं दफना दिया गया। अब ये जरूरी है कि शवों को निकाल कर तुरंत उनके परिवारों को सौंपा जाए ताकि वे राजौरी जिले में अपने घरों के पास उनका अंतिम संस्कार कर सकें।

ये था पूरा मामला

दरअसल सेना ने 18 जुलाई को दावा किया था कि दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के अम्शीपुरा गांव में तीन आतंकी मुठभेड़ के दौरान मारे गए हैं। हालांकि तीनों लोगों के राजौरी के बाशिंदा होने और अम्शीपुरा में लापता होने के बारे में सोशल मीडिया पर लगातार खबरें चलना शुरू हुई तो इस मामले की जांच की गई और अब सामने आया है कि ये युवक राजौरी के ही रहने वाले थे।

तीनों लोगों के परिवारों का दावा है कि वे शोपियां में मजदूरी करते थे और उन्होंने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज भी कराई थी।

विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और मारे गए युवकों के डीएनए के मिलान के लिए उनके परिवारों से नमूने लिए गए जिनका मिलान भी हो गया और अब प्रशासन की किरकिरी हो रही है।

वहीं इस मामले को लेकर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने कहा कि हालिया घटनाक्रम से उन्हें कुछ भी बदलाव की उम्मीद नहीं है क्योंकि पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।

लोन ने ट्वीट किया, ‘‘क्या कुछ बदलेगा? मानव जीवन की गरिमा बहाल होगी? नहीं। कुछ नहीं बदलने वाला। मीडिया ने इस मुठभेड़ का पर्दाफाश किया जिसके बाद जांच शुरू की गयी।आज के डिजिटल युग में कुछ भी छिपाना मुमकिन नहीं हैं। मेरी संवेदनाएं तीनों युवकों के प्रति हैं.”

लोन ने तंज कसते हुए पूछा है कि ‘‘क्या ऐसा पहली बार हुआ, कोई उम्मीद कर सकता है कि आगे ये नहीं होगा। ये पहली बार नहीं है और ना ही आखिरी बार।”

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