केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को शारदा चिटफंड घोटाले मामले में पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। सोमवार को राजीव कुमार सीबीआई के सामने पेश किए जाएंगे और उनसे शारदा चिटफंड घोटाले मामले के बारे में पूछताछ किया जाएगा। इससे पहले जांच एजेंसी ने सभी हवाई अड्डों और इमीग्रेशन अधिकारियों को आदेश जारी किया था कि राजीव कुमार को 1 साल तक देश से बाहर जाने की इजाजत नहीं दिया जाए, अगर वह ऐसा करते हैं तो उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया जाए।
1989 बैच के पुलिस आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार के ऊपर आरोप लगा था कि 25 हज़ार करोड़ रुपए लेकर शारदा चिट फंड घोटाले मामले में फसे नेताओं की जांच में बचाने की कोशिश की जा रही है। 2013 में ममता बनर्जी ने एसआईटी टीम का गठन कर राजीव कुमार के ऊपर जांच करने का आदेश दिया था। जिसके बाद पश्चिम बंगाल की पुलिस ने राजीव के ऊपर आरोप लगाया था कि पुलिस के काम को रोका जा रहा है और सुबूत के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है। इस मामले को 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दिया था। जिसके बाद सीबीआई ने मामले को अपने हाथ में ले लिया था। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहते हैं क्योंकि पहली नजर में सुबूत मिले हैं कि राजीव कुमार को बचाने की कोशिश की जा रही है।
‘शारदा चिटफंड घोटाला’ क्या है।
पश्चिम बंगाल की शारदा ग्रुप ने इस कंपनी की स्थापना जुलाई 2008 में की। जिसके बाद कंपनी ने आम लोगों को 34 गुना रकम देने का वादा कर लोगों से पैसे ठग लिए। जिसमें कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का हाथ होने का आरोप है।
‘लुकआउट नोटिस’ क्या है।
लुक आउट नोटिस एक सर्कुलर लेटर है, जिसका इस्तेमाल आव्रजन अधिकारियों द्वारा किसी आरोपी व्यक्ति को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इस लुक आउट सर्कुलर से भागे हुए अपराधियों का पता लगाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।